रुला देगा IAS के दादा-दादी का सुसाइड नोट

अमर उजाला

Fri, 31 March 2023

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आईएएस के दादा-दादी जिस तरह अपने बेटे-बहुओं के जुल्म का शिकार हुए और आत्महत्या को मजबूर हुए। इन्होंने जो सुसाइड नोट लिखा है उसे पढ़कर आंसू आ जाएंगे।
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चरखी सुसाइड नोट में जगदीशचंद ने लिखा कि मैं अपने छोटे बेटे महेंद्र के पास रहता था। छह साल पहले उसकी मृत्यु हो गई।

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मुझे कुछ दिन तक महेंद्र की पत्नी नीलम ने रोटी दी लेकिन बाद में उसने अनैतिक कार्य शुरू कर दिया और गांव निवासी विकास को अपने साथ ले लिया।

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विकास को साथ रखने का विरोध किया तो पीटकर मुझे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा।

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जब लौटा तो उसे फिर से बाहर निकालकर मकान को ताला लगा दिया। उसी दौरान मेरी पत्नी भागली देवी लकवाग्रस्त हो गईं।

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दूसरे बेटे विरेंद्र के पास गया तो उसने रखने से मना कर दिया। वे मुझे बासी आटे की रोटी देते। यह मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए सल्फास निगल ली।

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मेरी मौत का कारण नीलम, विकास, सुनीता और विरेंद्र हैं। इतने जुल्म इन चारों ने मुझ पर किए हैं, उतने जुल्म किसी संतान को अपने मां-बाप पर नहीं करने चाहिए।

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मैंने इसी के चलते अपनी जमीन भी आर्य समाज बाढ़डा को दे दी

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