क्या आप जानते 'जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश' गाने का अर्थ?

अमर उजाला

Sat, 26 October 2024

Image Credit : स्क्रीन ग्रैब

गायिका लता मंगेशकर का गाना ‘जिहाल-ए-मिस्कीं’ आप सभी ने जरूर सुना होगा
 

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इस गाने को गुनगुनाते हुए क्या कभी इसका अर्थ जानने की इच्छा आपकी नहीं हुई

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गुलामी फिल्म के इस गाने को अमीर खुसरो की एक कविता से लिया गया है

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कविता ब्रजभाषा और फारसी को मिलाकर लिखी गई है
 

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अमीर खुसरो लिखित पंक्ति हैं-  ‘जिहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल,दुराये नैना बनाये बतियांकि ताब-ए-हिजरां नदारम ऐ जानन लेहो काहे लगाये छतियां’

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इसका अर्थ है-  ‘मेरे दिल की फिक्र करो, इससे खफा न हो, बेचारे दिल ने जुदाई की तकलीफ सही है’
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मिथुन चक्रवर्ती पर फिल्माया ये गाना फिल्म 'गुलामी' का गाना है, लता मंगेशकर के इस गाने का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने रचा था
 

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