अमर उजाला
Wed, 19 February 2025
हाल ही में ‘छावा’ फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई है, जिसके डायलॉग्स लोगों को प्रभावित कर रहे हैं।
आइए आज जानते हैं ऐसे ही ऐतिहासिक फिल्मों के डायलॉग्स के बारे में, जिसे सुन आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
मौत के घुंघरू पहन के नाचते हैं हम औरंग, हमारी मौत मराठों के हर घर एक नया शिवा और एक नया संभा पैदा करेगी लेकिन जब तू मरेगा तब ये तेरी मुगल सल्तनत भी मर जाएगी।
जब शिवाजी राजे की तलवार चलती है... तब औरतों का घूंघट और ब्राह्मणों का जनेऊ सलामत रहता है।
आज मेरी पगड़ी भी केसरी, जो बहेगा वो मेरा लहू भी केसरी और मेरा जवाब भी केसरी।
बड़ी बात तो ये है कि जिस्म से टपका हुआ एक बूंद खून, आने वाली नसल के सारे के सारे खून में उबाल ला सकता है या नहीं।
चिंता को तलवार की नोक पे रखे, वो राजपूत। जो अंगारों पर चले फिर भी मूंछों को ताव दे, वो राजपूत। रेत की नाव लेकर समुंदर से शर्त लगाए, वो राजपूत। और जिसका सर कटे फिर भी धड़ दुश्मन से लड़ता रहे, वो राजपूत।
बन्दूक बड़ी बेवफा माशूका होती है, कब किधर मुंह मोड़ ले, कोई भरोसा नहीं।
चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते। कभी भी मात दे सकती है।
मैं वो मशाल बनूंगी जो हर भारतीय के दिल में आजादी की भूख बनकर दहकेगी।
क्रेजी समेत किडनैपिंग पर बनी इन फिल्मों ने मचाई हलचल