अमर उजाला
Thu, 4 August 2022
बाबुल सुप्रियो यानी सुप्रिया बराल का जन्म 1970 में पश्चिम बंगाल के उत्तर पारा में हुआ। बाबुल ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक बैंक कर्मचारी के तौर पर की थी।
बाबा रामदेव के कहने पर वह 2014 में भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने खूब प्रचार किया। टीएमसी की कद्दावर नेता डोला सेन को लोकसभा चुनाव में हरा दिया।
पहली बार सांसद चुने गए बाबुल को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया। 2019 में बाबुल ने टीएमसी की मुनमुन सेन को हराया। फिर बाबुल को केंद्र राज्य मंत्री बनाया गया।
2021 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बाबुल को फिर मैदान में उतारा। उन्हें टॉलीगंज विधानसभा से उम्मीदवार बनाया। हालांकि, बाबुल विधानसभा चुनाव हार गए।
इसके बाद बाबुल ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया। वह टीएमसी में शामिल हो गए। इसी साल अप्रैल में उपचुनाव में दीदी ने बाबुल को बलीगंज से उम्मीदवार बनाया था।
बाबुल सुप्रियो उत्तर पारा समेत कई लोकसभा सीटों पर अच्छा प्रभाव रखते हैं। भाजपा की राजनीति से भी बाबुल वाकिफ हैं। ममता बनर्जी इसका इस्तेमाल आने वाले लोकसभा चुनाव में कर सकती हैं।
ममता बनर्जी के सभी नौ नए मंत्री भाजपा की जीती हुई संसदीय क्षेत्र से आते हैं। ये अपने आप में एक बड़ा दांव है। ममता ने उन्हीं क्षेत्रों के विधायकों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, जहां भाजपा मजबूत है।
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