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Hindi Shayari: दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है

अमर उजाला

Thu, 18 September 2025

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भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है 
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है 

~ मरग़ूब अली

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उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं 
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई 

~ जमाल एहसानी

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टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर 
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए 

~ सज्जाद बाक़र रिज़वी
 
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कच्चे मकान जितने थे बारिश में बह गए 
वर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था 

~ अख़्तर होशियारपुरी

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ओस से प्यास कहाँ बुझती है 
मूसला-धार बरस मेरी जान 

~ राजेन्द्र मनचंदा बानी
 
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बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने 
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है 

~ निदा फ़ाज़ली

 
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