Urdu Poetry: उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक़ याद रहे

अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली 

Image Credit :

मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा
उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक़ याद रहे
- मीर ताहिर अली रिज़वी  

Image Credit :

न जाना कि दुनिया से जाता है कोई
बहुत देर की मेहरबाँ आते आते
- दाग़ देहलवी 

Image Credit :

हर एक रात को महताब देखने के लिए
मैं जागता हूँ तिरा ख़्वाब देखने के लिए
- अज़हर इनायती

Image Credit :

मैं आ गया हूँ वहाँ तक तिरी तमन्ना में
जहाँ से कोई भी इम्कान-ए-वापसी न रहे
- महमूद गज़नी  

Image Credit :

Parveen Shakir best shayari: वो मुझ को छोड़ के जिस आदमी के पास गया

social media
Read Now