Urdu Poetry: तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना

अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली 

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एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना
- मुनव्वर राना  

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गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
- बासिर सुल्तान काज़मी

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बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा हो
ऐ काश हमारी आँखों का इक्कीसवाँ ख़्वाब तो अच्छा हो
- ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

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ज़िंदगी क्या जो बसर हो चैन से
दिल में थोड़ी सी तमन्ना चाहिए
- जलील मानिकपुरी 

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Urdu Poetry: सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है

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