Urdu Poetry: मेरे ख़्वाबों में भी तू मेरे ख़यालों में भी तू

अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली 

Image Credit :

मेरे ख़्वाबों में भी तू मेरे ख़यालों में भी तू
कौन सी चीज़ तुझे तुझ से जुदा पेश करूँ
- साहिर लुधियानवी 

Image Credit :

ख़्वाबों पर इख़्तियार न यादों पे ज़ोर है
कब ज़िंदगी गुज़ारी है अपने हिसाब में
- फ़ातिमा हसन

Image Credit :

दिल कभी ख़्वाब के पीछे कभी दुनिया की तरफ़
एक ने अज्र दिया एक ने उजरत नहीं दी
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

Image Credit :

रवाँ-दवाँ है ज़िंदगी चराग़ के बग़ैर भी
है मेरे घर में रौशनी चराग़ के बग़ैर भी
- अख्तर सईदी

Image Credit :

Urdu Poetry: चुप बैठने से हल नहीं होने का मसअला

Read Now