अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
मैं चाहता था कि उस को गुलाब पेश करूँ
वो ख़ुद गुलाब था उस को गुलाब क्या देता
- अफ़ज़ल इलाहाबादी
धूप ने गुज़ारिश की
एक बूँद बारिश की
- मोहम्मद अल्वी
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं
दिल हमेशा उदास रहता है
- बशीर बद्र
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
- हसरत मोहानी
Urdu Poetry: ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा