Urdu Poetry: मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जाएगा

अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली 

Image Credit :

मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जाएगा
मुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता
- यगाना चंगेज़ी 

Image Credit :

याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल
- नासिर काज़मी  

Image Credit :

शाम से पहले तिरी शाम न होने दूँगा
ज़िंदगी मैं तुझे नाकाम न होने दूँगा
- साबिर ज़फ़र

Image Credit :

शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास
सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास
- साग़र आज़मी

Image Credit :

Urdu Poetry: कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी

Read Now