अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
- सईद राही
इश्क़ को एक उम्र चाहिए और
उम्र का कोई ए'तिबार नहीं
- जिगर बरेलवी
ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते
- उम्मीद फ़ाज़ली
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए
- कृष्ण बिहारी नूर
Motivational Shayari: यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का