Urdu Poetry: क्यूँकर कहूँ कि कोई तमन्ना नहीं मुझे

अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली  

Image Credit :

बाक़ी है अब भी तर्क-ए-तमन्ना की आरज़ू
क्यूँकर कहूँ कि कोई तमन्ना नहीं मुझे
- आदिल असीर देहलवी 

Image Credit :

तुम ज़माने की राह से आए
वर्ना सीधा था रास्ता दिल का
- बाक़ी सिद्दीक़ी

Image Credit :

इधर फ़लक को है ज़िद बिजलियाँ गिराने की
उधर हमें भी है धुन आशियाँ बनाने की
- अज्ञात

Image Credit :

असरार अगर समझे दुनिया की हर इक शय के
ख़ुद अपनी हक़ीक़त से ये बे-ख़बरी क्यूँ है
- असद मुल्तानी   

Image Credit :

Urdu Poetry: ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है

Read Now