अमर उजाला
Mon, 13 October 2025
पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
कितना आसान था इलाज मिरा
~ फ़हमी बदायूनी
तंदुरुस्ती से तो बेहतर थी मिरी बीमारी
वो कभी पूछ तो लेते थे कि हाल अच्छा है
~ हफ़ीज़ जौनपुरी
आज उस ने हँस के यूँ पूछा मिज़ाज
उम्र भर के रंज-ओ-ग़म याद आ गए
~ एहसान दानिश
तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता
मिरी तरह तिरा दिल बे-क़रार है कि नहीं
~ कैफ़ी आज़मी
आज उस ने हँस के यूँ पूछा मिज़ाज
उम्र भर के रंज-ओ-ग़म याद आ गए
~ एहसान दानिश
Urdu Poetry: नहीं दुनिया को जब पर्वा हमारी तो फिर दुनिया की पर्वा क्यूँ करें हम