सर्दियों का मौसम हृदय रोगियों के लिए काफी संवेदनशील होता है। गिरता तापमान रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है, जिसे वेसोकॉन्स्ट्रिक्शन कहा जाता है।
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इससे रक्त का प्रवाह कठिन हो जाता है और हृदय को शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अधिक दबाव के साथ काम करना पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।
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ठंड के सीधे संपर्क से बचें
सुबह जल्दी या देर रात की शीतलहर में बाहर न निकलें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो सिर, कान और पैरों को गर्म कपड़ों से पूरी तरह ढक लें।
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नियमित जांच
सर्दियों में अक्सर दवाओं की डोज बदलने की जरूरत पड़ती है। अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से मापें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
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खान-पान में सावधानी
नमक का सेवन कम करें, क्योंकि अधिक नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाता है। तले-भुने और भारी भोजन के बजाय सूप, हरी सब्जियां और गुनगुने पानी का सेवन करें।
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लक्षणों को न करें नजरअंदाज
सीने में दर्द, सांस फूलना, अचानक पसीना आना या बाएं हाथ में भारीपन महसूस होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें।
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ठंड में रोज एक गर्म गिलास दूध पीने मिलते हैं गजब के फायदे