वायु प्रदूषण, खासकर सूक्ष्म कण PM2.5, डायबिटीज के रोगियों के लिए एक बड़ा खतरा है।
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यह सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि रक्त शर्करा के नियंत्रण को भी सीधे प्रभावित करता है।
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इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि
प्रदूषित हवा में सांस लेने से शरीर में सूजन बढ़ जाती है। यह सूजन शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील बना देती है। इससे ब्लड शुगर का लेवल अनियंत्रित हो जाता है।
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हृदय रोगों का खतरा
डायबिटीज रोगियों में वैसे ही हृदय रोगों का जोखिम अधिक होता है। प्रदूषण के कण रक्तप्रवाह में मिलकर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, रक्त को गाढ़ा करते हैं और सूजन बढ़ाते हैं।
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वायु प्रदूषण हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है।
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फेफड़ों की क्षमता
प्रदूषण फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति घट जाती है और इंसुलिन प्रतिरोध बिगड़ता है। इसलिए डायबिटीज रोगियों को प्रदूषण में घर के अंदर रहने और मास्क पहनने की सलाह दी जाती है।