रेट्रो वॉक करने शरीर में होते हैं ये सकारात्मक बदलाव

अमर उजाला

Thu, 11 December 2025

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रेट्रो वॉक का मतलब होता है पीछे की ओर चलना, कुछ लोग इसे बैकवर्ड वॉकिंग भी कहते हैं।
 

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यह आदत हमारे सेहत में कई बदलाव ला सकता है। आइए इसके फायदे जानते हैं।

 

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घुटनों और जोड़ों पर कम दबाव

पीछे की ओर चलने पर घुटनों के जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है। यह जांघ की मांसपेशियों को अलग तरह से सक्रिय करता है, जिससे घुटनों के आसपास की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
 
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संतुलन और समन्वय में सुधार

पीछे की ओर चलने के लिए मस्तिष्क को अधिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह एक अपरिचित गति है। यह हमारी संतुलन प्रणाली में सुधार करता है।
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मांसपेशियों की मजबूती

रेट्रो वॉक जांघों के पीछे की मांसपेशियां (हैमस्ट्रिंग) और पिंडलियों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो सीधे चलने में कम इस्तेमाल होती हैं।
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कैलोरी बर्न में वृद्धि

पीछे चलने में आगे चलने की तुलना में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिसकी वजह से अधिक कैलोरी बर्न होती है। यह वजन प्रबंधन के लिए भी एक अच्छा तरीका है।
 
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