क्या होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

अमर उजाला

Wed, 2 July 2025

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इंटरमिटेंट फास्टिंग एक खानपान की विधि है, जिसमें भोजन और उपवास के चक्र बारी-बारी से अपनाए जाते हैं।

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यह वजन नियंत्रण, मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग मुख्य रूप से दो तरीका होता है।

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  • पहला- 16/8 विधि (16 घंटे उपवास, 8 घंटे भोजन), 
  • दूसरा- 5:2 विधि (2 दिन कम कैलोरी, 5 दिन सामान्य भोजन)
 

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वजन नियंत्रण

उपवास के दौरान शरीर संग्रहित फैट बर्न करता है, जिससे वजन कम होता है और भूख नियंत्रित रहती है।
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मधुमेह प्रबंधन

यह इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है, जिससे टाइप-2 मधुमेह का जोखिम कम होता है।
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हालांकि कई शोध में इंटरमिटेंट फास्टिंग सेहत के लिए हानिकारक भी बताया गया है। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
 

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