अमर उजाला
Wed, 11 October 2023
चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही मध्यप्रदेश समेत पांचों राज्यों आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.
आचार संहिता एक नियमावली है, जिसके तहत चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से करने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम-शर्तें तय करता है.
आचार संहिता लागू होते ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं.
आचार संहिता सभी राजनीतिक दलों की सर्वसहमति से लागू व्यवस्था है, ये कानून द्वारा लाया गया प्रावधान नहीं है.
आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती है. होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं.
इस दौरान सरकार नई योजना और नई घोषणाएं नहीं कर सकती, भूमिपूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकते.
चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा.
राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए परमिशन लेनी होती है. धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा.
मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती है. किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे.
मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते हैं. मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित नहीं की जा सकती है.
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