शिव का गांव बकावां: जिसका हर कंकर है शंकर

अमर उजाला

Wed, 15 June 2022

Image Credit : सोशल मीडिया
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब ४० किमी दूर नर्मदा के तट पर बसा है बकावां गांव
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बकावां के बारे में कहा जाता है कि यहां का हर कंकर शंकर है
 

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नर्मदा नदी से निकलने वाले पत्थरों से नर्मदेश्वर शिवलिंग का निर्माण किया जाता है

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बकावां देश का इकलौता गांव है जहां नर्मदेश्वर शिवलिंग मिलते हैं

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बकावां के ग्रामीण नर्मदा नदी से निकलने वाले पत्थरों पर विशेष कारीगरी कर उन्हें शिवलिंग का आकार देते हैं
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बकावां गांव के करीब 100 परिवार शिवलिंग निर्माण का काम कर रहे हैं, नर्मदेश्वर शिवलिंग बनाने की परंपरा करीब 150 साल से जारी है

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नर्मदेश्वर शिवलिंग का निर्माण करने वाले कारीगर 5 इंच से लेकर 25 फीट तक के शिवलिंग का निर्माण कर चुके हैं
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बकावां गांव के शिवलिंग की डिमांड देश के साथ ही विदेशों तक हैं। देश के कई मंदिरों में इस गांव के शिवलिंग स्थापित हैं
 
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कहा जाता है मालवा की शासिका देवी अहिल्या बाई होलकर ने इस गांव से पहला शिवलिंग बनवाया था, जिसके बाद यह क्रम लगातार जारी है

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शिवलिंग निर्माण कर हर साल करीब 80 लाख का टर्नओवर होता है, देश से बाहर जाने वाले शिवलिंग पर 3 फीसदी जीएसटी भी लगता है
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