जानिए क्या है आदिवासियों का भगोरिया पर्व

अमर उजाला

Thu, 2 March 2023

Image Credit : सोशल मीडिया

मध्यप्रदेश में आदिवासी समाज की एक परंपरा बेहद मशहूर है, जिसे भगोरिया पर्व के नाम से जाना जाता है.

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पश्चिमी निमाड़, अलीराजपुर और झाबुआ जिले में होली से ठीक सात दिन पहले भगोरिया पर्व का आगाज होता है.
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झाबुआ के भगोर गांव में स्थित भंगुरिया देवता की पूजा के साथ इस सात दिवसीय मेले की शुरुआत होती है.

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भगोरिया पर्व पूरे सप्ताह भर चलता है, जिसमें आदिवासी संस्कृति और कला के रंग बिखरते हैं.
 

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आदिवासी युवक-युवतियां पारंपरिक पोशाक में सज-धजकर इस मेले में पहुंचते हैं और ढोल-मांदल बजाते हुए समूह में नाचते-गाते हैं.
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मेले के बारे में कहा जाता है कि भगोरिया में आदिवासी युवक-युवती एक दूसरे को पसंद करते हैं और भागकर शादी कर लेते हैं.

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युवक पान खाने का आमंत्रण युवती के सामने प्रेम प्रस्ताव के रूप में रखता है, अगर युवती पान खा लेती है तो इसे हां समझा जाता है.
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भगोरिया मेले में आदिवासी समाज के लोग जमकर खरीदारी करते हैं, इस मेले का इंतजार व्यापारियों को सालभर रहता है.

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भगोरिया मेले के किस्से दूर-दूर तक मशहूर है, जिसके चलते इसे देखने के लिए प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर से लोग पहुंचते हैं.

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