चैत्र नवरात्रि: प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन सतना जिले के मैहर में स्थित शारदा माता मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में शामिल है. महाकाल की नगरी उज्जैन में मां हरसिद्धि का अति प्राचीन मंदिर है. देवी पुराण के अनुसार यहां देवी सती के अंग गिरे थे. सीहोर के सलकनपुर में 800 फीट ऊंची पहाड़ी पर प्राचीन विंध्यवासनी बिजासन देवी का मंदिर है. इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है. दतिया जिले में राजपाट की देवी मां बगलामुखी का प्रसिद्ध मंदिर है. पीतांबरा पीठ में आम लोगों से लेकर बड़े-बड़े राजनेता तक दर्शन करने आते हैं. मंदिर में स्थित देवी की प्रतिमा करीब 1000 साल पुरानी है. कल्चुरी कालीन यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. देवास जिले में टेकरी पर मां चामुंडा और तुलजा भवानी के प्राचीन मंदिर हैं. कहा जाता है यहां देवी सती के रक्त की बूंदें गिरी थी. दतिया में विध्यांचल पर्वत पर रतनगढ़ वाली माता विराजमान हैं. इस मंदिर को लेकर चमत्कार के कई किस्से प्रसिद्ध हैं. यह इंदौर का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है. 9वीं शताब्दी में इंडो-आर्यन और द्रविड़ स्थापत्य शैली के संयोजन का उपयोग कर इसे बनाया गया था. madhya pradesh