इलाही माता मंदिर: यहां औरंगजेब भी उल्टे पांव लौटा, मां की महिमा देख निकला था यह शब्द

अमर उजाला

Fri, 26 September 2025

Image Credit : Amar ujala
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भंवरा गांव में स्थित इलाही माता का मंदिर लोगों की विशेष आस्था का केंद्र है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं
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करीब ढाई हजार साल पुराने इस मंदिर में करीब दो दशक पूर्व गर्भगृह से तीन पिंडीनुमा प्रतिमाएं मिलीं, जिन्हें लोग माता वैष्णो देवी का स्वरूप मानकर पूजते हैं। इसी कारण इसे वैष्णवी धाम भी कहा जाने लगा
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माना जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब मंदिर को तोड़ने आया था, लेकिन जैसे ही वह दरबार के करीब पहुंचा उसकी आंखों की रोशनी धुंधली हो गई
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घबराकर उसने माता को दंडवत प्रणाम किया और उन्हें 'इलाही माता' कहकर उल्टे पांव लौट गया। यह घटना मंदिर की दिव्यता का प्रतीक बन गई
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 मंदिर में प्राचीन समय से करंज तेल से जलती दो अखंड ज्योतियां आज भी प्रज्ज्वलित हैं। बता दें कि देशभर में इस तरह की ज्योतियों का दूसरा उदाहरण नहीं मिलता
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जहां शक्ति है वहां शिव का होना अनिवार्य है। यही कारण है कि इलाही माता के मंदिर से करीब 20 फीट की दूरी पर विशाल शिवलिंग स्थापित है
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 मंदिर के सामने बनी विशाल बावड़ी भी चमत्कारी मानी जाती है। 120 फीट लंबी और 50 फीट गहरी इस बावड़ी का जल कभी सूखता नहीं 
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नवरात्रि पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दराज से पहुंचकर माता के चरणों में मत्था टेकते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की मन्नत मांगते हैं
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