30000KM पैदल चल 14 वर्ष के वनवास से लौटे कलयुग के 'राम'
अमर उजाला
Fri, 16 May 2025
Image Credit : Amar ujala
टीकमगढ़ जिले बड़ागांव नगर के रहने वाले युवक तुलसीराम पर सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का इतना असर हुआ कि उन्होंने 14 वर्ष के वनवास पर जाने का निर्णय ले लिया था
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15 मई 2011 को अपना परिवार छोड़ राम पथ गमन पर निकले तुलसीराम आज 14 वर्ष बाद संत के रूप में अपनी मातृभूमि बडागांव पर सकुशल घर वापस लौट आए हैं
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जब तुलसीराम गर्भ में थे तो उनकी माता को रामचरितमानस प्रतिदिन सुनाई जाती थी, इसके बाद तुलसीराम स्कूल जाने लगे और कक्षा 5 में पढ़ते समय वह स्वयं रामचरितमानस को पढ़ने लगे थे
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तुलसीराम का मन पारिवारिक जीवन से उठ चुका था, उन्होंने परिवार के सामने कह दिया कि वह 14 वर्ष के वनवास के लिए जाएंगे
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तुलसीराम बड़ा गांव से सीधे पैदल अयोध्या पहुंचे और अयोध्या से उन्होंने सरयू नदी में स्नान कर रामपथ गमन पर जाना शुरू कर दिया, बता दें कि 14 वर्ष के वनवास में वह करीब 30000 किलोमीटर पैदल चले
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अयोध्या से चलकर तुलसीराम मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र ,उड़ीसा, आंध्र प्रदेश ,कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु पैदल पहुंचे, यहां पर उन्होंने रामचरितमानस का वर्णन भी किया
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तमिलनाडु से पैदल चलकर वह 10 मई को अयोध्या पहुंचे और सरयू नदी में स्नान करने के बाद 14 मई को बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा पहुंचे जहां पर उन्होंने भगवान राम राजा के दर्शन किए
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15 मई की सुबह वह ओरछा से चलकर टीकमगढ़ पहुंचे और इसके बाद वह बड़ा गांव पहुंचेंगे जहां पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा
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