पंचतत्व में विलीन हुईं राजनीति की कवयित्री डॉ. गिरिजा व्यास

अमर उजाला

Fri, 2 May 2025

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भारतीय राजनीति, साहित्य और समाजसेवा की त्रिवेणी कही जाने वाली डॉ. गिरिजा व्यास अब हमारे बीच नहीं रहीं। एक दर्दनाक हादसे ने इस बहुआयामी व्यक्तित्व की जीवन यात्रा का अंत कर दिया

 

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78 साल की गिरिजा व्यास पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुकी थीं, आज हम आपको उनके बारे में कुछ खास बातें बताते हैं

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डॉ. व्यास दर्शन शास्त्र में डॉक्टरेट करके अमेरिका तक पहुंचीं, उन्होंने न केवल विश्वविद्यालयों में पढ़ाया, बल्कि आठ किताबें भी लिखीं, जिनमें से 'एहसास के पर' और 'सीप, समुद्र और मोती' आज भी पाठकों को झकझोरते हैं
 
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25 वर्ष की उम्र में जब वो पहली बार विधायक बनीं, तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन वही महिला संसद, मंत्रालय, महिला आयोग और प्रदेश कांग्रेस जैसे अहम मंचों की आवाज़ बनेंगी
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में उनके निर्णय, महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके कदम और स्ट्रीट वेंडर कानून जैसी पहल उन्हें दूरदर्शी नेता साबित करती है
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डॉ. गिरिजा व्यास का जाना केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व की विदाई नहीं है, उनके विचार, उनकी कविताएं और उनका संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को न सिर्फ दिशा देगा, बल्कि जीने का एक मकसद भी सिखाएगा
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