जानिए क्या होती है 'गद्दी उत्सव' या 'पगड़ी दस्तूर' की प्रथा

अमर उजाला

Wed, 2 April 2025

Image Credit : Amar ujala
उदयपुर के राजमहल में बुधवार यानी आज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के गद्दी उत्सव का आयोजन किया जा रहा है
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लेकिन क्षत्रिय महासभा ने इस पर आपत्ति जताई है। महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक सिंह ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर इसे 'पगड़ी दस्तूर' करार दिया है
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क्षत्रिय महासभा का कहना है कि इस निजी आयोजन को 'राजतिलक' और 'गद्दी उत्सव' का नाम देना पारंपरिक मान्यताओं और संस्कृति के साथ खिलवाड़ है
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लक्ष्यराज सिंह द्वारा घोषित इस गद्दी उत्सव को लेकर विभिन्न पक्षों में मतभेद देखने को मिल रहे हैं
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पारंपरिक मान्यताओं के जानकारों के अनुसार, जब तक 16 उमराव और सलूम्बर रावत किसी व्यक्ति को गद्दी पर नहीं बैठाते, तब तक उसे मान्य राजा नहीं माना जाता है
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परंपरा के अनुसार, गद्दी पर बिठाने और राजतिलक करने का विशेष अधिकार सलूम्बर रावत के पास होता है
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यदि ये पारंपरिक पदाधिकारी इस समारोह में शामिल होते हैं और अपनी स्वीकृति प्रदान करते हैं, तो यह आयोजन गद्दी उत्सव माना जाता है
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लेकिन यदि वे इसमें शामिल नहीं होते तो इसे केवल 'पगड़ी दस्तूर' माना जाएगा, न कि राजतिलक या गद्दी उत्सव

 
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उदयपुर के सिटी पैलेस में कल होगा, मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह का गद्दी उत्सव

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