इन प्रसिद्ध डिशों का हर कोई है दीवाना हर रोज कोटा के लोग चार लाख कचौरी खा जाते हैं. उड़द की दाल से बनने वाली इस खास कचौरी के जायके का सफर रियासतकाल में शुरु हुआ था. आपने कभी मिठाईयों की सब्जी के बारें में नहीं सुना होगा. जोधपुर में मुख्य रूप से गुलाबजामुन और रसमलाई की सब्जी बड़े चाव से खाई जाती है. आम बोलचाल में कलाकंद के नाम से प्रचलित मिल्क केक दूध से बनी एक मिठाई है. अपने स्वाद के कारण मिल्क केक अलवर की पहचान बन गया है. अगर आप मिठाईयों के शौकीन हैं तो जयपुर के बने रबड़ी-पनीर के घेवर का एक पीस जरूर चखें. इसके साथ ही जयपुर का मिश्री मावा काफी लोकप्रिय हैं. नसीराबाद में बनने वाला कचौरा बड़े आकार का होता है. कचौरे में डलने वाली कई तरह की चटनियां इसका स्वाद बढ़ा देती हैं करौली जिले की गजक नहीं खाई तो क्या खाया. गुड़ से बनी स्वादिष्ट ये गजक मुंह में रखते ही घुल जाती है अजमेर में बनने वाली कढ़ी-कचौरी का तीखापन और चटपटा स्वाद वाकई लाजवाब है. इसके जैसा कहीं स्वाद नहीं है जोधपुर का मिर्ची वड़े के स्वाद के लोग दीवाने हैं. इसे हरी मिर्च में मसालेदार आलू का मिक्सचर भरकर डीप फ्राई किया जाता है. इन प्रसिद्ध डिशों का हर कोई है दीवाना