क्या है किनोवा और क्यों है ये फायदे का सौदा जालोर जिले के सायला उपखंड के बावतरा गांव में किसानों को किनोवा की खेती आकर्षित कर रही है, जिसमें 50 से अधिक किसान शामिल हैं किनोवा का अंतरराष्ट्रीय बाजार भाव 50 हजार से 1 लाख रुपये प्रति क्विंटल तक है, जो इसे किसानों के लिए लाभदायक फसल बनाता है सफेद, लाल, काला और तिरंगा किनोवा प्रमुख किस्में हैं, जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा अलग-अलग होती है किनोवा में विटामिन ई, बी 3, कैल्शियम, और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जिससे इसका उपयोग दवा बनाने में भी होता है अमेरिका और अन्य देशों में किनोवा को भोजन के रूप में खाया जाता है, जहां लोग इसे खिचड़ी के रूप में पसंद करते हैं किनोवा की खेती राजस्थान के चित्तौड़गढ़, उदयपुर, टोंक, जालोर, पाली, और जोधपुर जैसे जिलों में की जा रही है एक बीघा जमीन में 6 से 8 क्विंटल किनोवा की पैदावार होती है, जिसकी कच्चे माल की कीमत 50 से 80 रुपये प्रति किलो है जालोर के बावतरा में किनोवा की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है, जहां से इसे भारत और विदेशों में निर्यात किया जाता है राज्य सरकार के प्रयासों और प्रोसेसिंग प्लांट स्थापना से किसानों को मार्केटिंग में मदद मिली है राजस्थान