जानें राजस्थान के 251 किलो पारे से बने पारदेश्वर महादेव की विशेषता

अमर उजाला

Thu, 24 July 2025

Image Credit : Amar ujala
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के शक्करगढ़ कस्बे में स्थित श्री संकट हरण हनुमत धाम मंदिर में स्थापित 251 किलो पारे से निर्मित पारदेश्वर महादेव शिवलिंग देशभर के शिवभक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है
Image Credit : Amar ujala
शिवलिंग के अनेक स्वरूप होते हैं, लेकिन पारे से निर्मित शिवलिंग दुर्लभतम माने जाते हैं
Image Credit : Amar ujala
251 किलो का यह पारद शिवलिंग राजस्थान में अपनी तरह का पहला और अब तक का सबसे भारी शिवलिंग है
Image Credit : Amar ujala
पारद शिवलिंग का निर्माण चांदी और औषधीय जड़ी-बूटियों को मिलाकर किया जाता है। बता दें कि इसे केवल संन्यासी संत ही बना सकते हैं, गृहस्थों को इसकी अनुमति नहीं होती
Image Credit : Amar ujala
 महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज बताते हैं कि पारद शिवलिंग में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है
Image Credit : Amar ujala
 पारद शिवलिंग को स्पर्श, पूजन और अभिषेक करने से व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का तांत्रिक या नकारात्मक प्रभाव नहीं होता। यह शिवलिंग मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है
Image Credit : Amar ujala
सावन का महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय होता है और इस अवसर पर पारद शिवलिंग के दर्शन एवं अभिषेक का विशेष महत्व होता है
Image Credit : Amar ujala

10 मिनट का भद्रासन दिखाता है 5 बड़े स्वास्थ्य चमत्कार

pexel
Read Now