मोबाइल युग में लोककला की नई भाषा बनी राजस्थान की फड़ चित्रकला
अमर उजाला
Mon, 21 July 2025
Image Credit : Amar ujala
राजस्थान की प्राचीन और समृद्ध फड़ चित्रकला अब एक नई तकनीकी क्रांति के साथ और भी जीवंत हो उठी है
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शाहपुरा की इस परंपरागत लोककला को अंतरराष्ट्रीय फड़ चित्रकार विजय जोशी ने डिजिटल नवाचार के जरिए एक नया आयाम दिया है
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विजय जोशी द्वारा बनाई गई यह फड़ लगभग पांच फीट चौड़ी और 15 फीट लंबी है। इसमें रामायण, पाबूजी और अन्य लोकगाथाओं के दृश्य दर्शाए गए हैं
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खास बात यह है कि इन चित्रों के पास लगाए गए क्यूआर कोड, एनएफसी टैग और डिजिटल लालटेन की मदद से जैसे ही दर्शक किसी चित्र को स्कैन करते हैं, हेडफोन में उससे जुड़ी कहानी सुनाई देती है
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विजय जोशी ने सभी कहानियों को सरल हिंदी भाषा में रिकॉर्ड किया है, ताकि युवा, बच्चे और यहां तक कि विदेशी पर्यटक भी इसकी गहराई तक पहुंच सकें
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यह तकनीक दृष्टिबाधित लोगों के लिए भी उपयोगी है। वे चित्रों को देख नहीं सकते, लेकिन ध्वनि के माध्यम से उन कहानियों को महसूस जरूर कर सकते हैं
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यह तकनीक विशेष रूप से पर्यटकों और छात्रों के बीच लोकप्रिय हो रही है, जो इतिहास को केवल पढ़ने नहीं, बल्कि अनुभव करने की चाहत रखते हैं
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फड़ चित्रकला के क्षेत्र में विजय जोशी एक जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, अमिताभ बच्चन, रामायण, महाभारत जैसे विविध विषयों पर 100 से अधिक फड़ चित्र बना चुके हैं