बीकानेर: करोड़ों के कीमती आभूषणों से सजी, कड़ी सुरक्षा के बीच निकलती है गणगौर की सवारी

अमर उजाला

Tue, 1 April 2025

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होलिका दहन के दूसरे दिन से चैत्र शुक्ल तृतीया तक मनाया जाने वाला गणगौर पर्व भगवान शिव (गण) और माता पार्वती (गौर) के प्रति श्रद्धा का प्रतीक होता है
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इस अवसर पर कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने और विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए पूजन करती हैं
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बीकानेर की गणगौर अन्य गणगौर से अलग और खास मानी जाती है, क्योंकि इसे पुत्र प्राप्ति की कामना के लिए पूजा जाता है
 
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इस गणगौर की एक विशेषता यह भी है कि यह दुनिया की सबसे अधिक आभूषणों से सजी गणगौर मानी जाती है
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रियासतकाल से चली आ रही परंपरा के अनुसार बीकानेर के ढड्ढा चौक में स्थित चांदमल ढड्ढा की गणगौर हर साल सिर्फ दो दिन, चैत्र शुक्ल तृतीया और चतुर्थी को सार्वजनिक रूप से बाहर निकाली जाती है
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इस दौरान गणगौर माता को 150 साल पुराने करोड़ों रुपये के सोने-चांदी और हीरे-जवाहरात से सजाया जाता है, जिनकी सुरक्षा के लिए पुलिस की कड़ी निगरानी रखी जाती है
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सुरक्षा के लिहाज से गणगौर की सवारी के दौरान पुलिस के हथियारबंद जवानों की तैनाती की जाती है, ताकि 150 साल पुराने गणगौर माता के बहुमूल्य आभूषणों को सुरक्षित रखा जा सके

 
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