Navratri 2025: यहां तीन रूपों में विराजमान हैं मां जोगणिया, मन्नत पूरी होने पर हथकड़ी चढ़ाने की परंपरा

अमर उजाला

Fri, 26 September 2025

Image Credit : Amar ujala
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले की ऊंची-ऊंची अरावली पहाड़ियों में स्थित जोगणिया माता मंदिर श्रद्धा और भक्ति का ऐसा धाम है, जहां हर साल हजारों भक्त अपनी मनोकामनाओं के साथ पहुंचते हैं
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यहां प्रतिमाएं देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के रूप में विराजमान हैं
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बता दें कि नवरात्रि के पावन अवसर पर मेवाड़ के प्रमुख शक्तिपीठ जोगणिया माता मंदिर का नाम खास रूप से लिया जाता है, इस समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा सकती है
 
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राजस्थान ही नहीं बल्कि समीपवर्ती मध्य प्रदेश और गुजरात के भी लाखों श्रद्धालु माता जोगणिया की आराधना करने यहां पहुंचते हैं। नवरात्रि के दिनों में मां के जयकारों की गूंज चारों तरफ सुनाई देती है 
 
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 जोगणिया माता मंदिर गर्भगृह के प्रवेश द्वार के बाहर दो सिंह प्रतिमा बनी हुई है तथा प्रवेश के लिए नीचे जाती सीढ़ियों पर द्वार बना है। इस मंदिर के नजदीक बने मंडप में प्राचीन सहस्त्रशिवलिंग स्थापित है
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मंदिर में हथकड़ी चढ़ाने की अनोखी परंपरा है। चोर और डाकू जोगणियां माता से जेल से छूटने की मनोकामना मांगते हैं, मन्नत पूरी होने पर गुप्त रूप से मंदिर में हथकड़ी टांग देते हैं
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जोगणिया माता हाड़ा चौहानों की कुलदेवी हैं। जोगणियां माता मंदिर का निर्माण हाड़ा राजाओं द्वारा 8वीं या 9वीं शताब्दी में किया गया था। पहले यह अन्नपूर्णा देवी का मंदिर कहलाता था
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जोगणिया माता को शक्ति स्वरूपा दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है
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