अमर उजाला
Wed, 9 October 2024
नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है कन्याओं को देवी मां का स्वरूप माना जाता है
मान्यता है कि कन्याओं को भोजन कराने से घर में सुख, शांति एवं सम्पन्नता आती है
कन्या भोज के दौरान नौ कन्याओं का होना आवश्यक होता है
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन कन्या भोजन का विधान ग्रंथों में बताया गया है
इसमें 2 से 10 साल तक उम्र की नौ कन्याओं को भोजन कराने से हर तरह के दोष खत्म होते हैं
महाष्टमी पर कन्या पूजन 11 अक्टूबर को सुबह 07:47 मिनट से लेकर 10:41 मिनट तक कर सकते हैं
इसके बाद दोपहर 12:08 मिनट से लेकर 1:35 मिनट तक कर सकते हैं
इसके बाद दोपहर 12:08 मिनट से लेकर 1:35 मिनट तक कर सकते हैं
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