अमर उजाला
Fri, 11 October 2024
श्रीरामचरितमानस के अनुसार, भगवान राम ने रावण को मारने के लिए 31 बाण चलाए थे
इन 31 बाणों में 1 बाण रावण के नाभि पर लगा था और 10 बाण से उसके 10 सिर अलग हुए और 20 बाण से उसके हाथ धड़ से अलग हुए थे
कहा जाता है कि जब रावण का विशाल धड़ पृथ्वी पर गिरा था तो पृथ्वी डगमगाने लगी थी
श्रीराम ने रावण को दिव्य अस्त्र से मारा था, जिसे ब्रह्मा देव ने रावण को ही दिया था
हनुमान जी रावण के इस अस्त्र को लंका से लेकर आए थे
वहीं विभीषण ने रामजी को बताया था कि रावण की नाभि पर वार करने से ही उसका अंत होगा क्योंकि रावण की नाभि में अमृत है
तब भगवान राम ने रावण की नाभि पर तीर चलाया, जिसके बाद रावण का अंत हुआ
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