अमर उजाला
Wed, 2 April 2025
महाभारत में 18 संख्या का काफी महत्व था, कृष्ण ने कुल 18 दिनों तक अर्जुन को ज्ञान दिया था
महाभारत की पुस्तक में कुल 18 अध्याय हैं, 18 दिनों तक युद्ध चला था
कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों की कुल 8 अक्षोहिनी सेना थी और युद्धा के अंत में केवल 18 योद्धा ही बचे भी थे
द्रौपदी का जन्म सामान्य रूप से नहीं हुआ था, वह और उनके भाई दृष्टद्युम्न अग्निकुंड से प्रकट हुए थे, इसलिए उन्हें "अग्निसुता" भी कहा जाता है
महाभारत में बताया गया है कि कलियुग में अधर्म बढ़ेगा, पाप अधिक होगा और धर्म का ह्रास होगा, श्रीकृष्ण ने गीता में कलियुग के लक्षणों की भविष्यवाणी की थी
महाभारत के काल में श्रीकृष्ण श्रीहरि विष्णु के अवतार थे, वहीं, बलराम शेषनाग का ही अंश थे
13 वर्षों के बाद रामनवमी पर बनेगा दुर्लभ 'रविपुष्य योग'