अमर उजाला
Thu, 6 February 2025
उन्होंने चाणक्य नीति जैसे महान ग्रंथ की रचना की है, जिसमें जीवन से जुड़े कई पहलुओं का उल्लेख है
वहीं इसमें मित्रता को लेकर भी चाण्क्य ने अपने विचार रखें है
विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत्।
कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत्॥
साथ ही कभी अपने दोस्त पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें क्योंकि जिस दोस्त पर आपने भरोसा किया है वही दोस्त एक दिन गुस्से में आकर आपके राज दूसरों से साझा कर सकता है
इसलिए हमेशा सज्जन आदमी से मित्रता रखनी चाहिए
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