अमर उजाला
Wed, 10 September 2025
आचार्य चाणक्य ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ 'चाणक्य नीति' में ऐसी आदतों के बारे में बताया है, जो सफलता में बाधा बनती हैं
इसलिए इन आदतों में समय रहते सुधार कर लेना चाहिए अन्यथा जीवन में तनाव का यह बड़ा कारण बन सकती है
मनसा चिन्तितं कार्यं वाचा नैव प्रकाशयेत् ।
मन्त्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य चापि नियोजयेत् ।।
आचार्य चाणक्य के अनुसार इंसान को हमेशा अपने साथ-साथ दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए
उनका मानना है कि हमारे आसपास की घटनाओं से सीख लेकर आगे बढ़ने से चीजों का बेहतर अनुभव व्यक्ति को मिलता है
आचार्य चाणक्य के मुताबिक आलस्य व्यक्ति की प्रगति का सबसे बड़ा शत्रु, इसलिए कार्यों को अपने भीतर की ऊर्जा के साथ पूरा करना चाहिए
इसके अलावा व्यक्ति को न तो अपने अतीत पर पछताना चाहिए और न ही भविष्य की चिंता में उलझना चाहिए
उनका मानना है कि बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता और भविष्य अनिश्चित है, इसलिए जीवन में सफलता और संतुलन पाने के लिए वर्तमान जीना अवश्य है
जीवन में हमेशा याद रखें प्रेमानंद जी महाराज की ये बातें