जीवन में खुश रहने के लिए हमेशा याद रखें आचार्य चाणक्य ये बातें

अमर उजाला

Thu, 29 May 2025

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आचार्य चाणक्य की गणना आज भी महान विद्वान और अर्थशास्त्री के रूप में की जाती है
 

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उन्होंने अपने जीवनकाल में‘चाणक्य नीति’नामक एक ग्रंथ की रचना की थी, जिसका अध्ययन वर्तमान में भी किया जाता है
 

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आचार्य चाणक्य के इस नीति शास्त्र में दोस्त, धन, सुख-दुख और जीवन में लक्ष्यों को हासिल करने के सूत्रों का उल्लेख है
 

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  • इस दौरान उन्होंने इस नीति शास्त्र में उस व्यक्ति का जिक्र भी किया है, जो अपने जीवन में हमेशा खुश रहता है
  • आइए इसके बारे में जानते हैं

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श्लोक

शान्तितुल्यं तपो नास्ति न सन्तोषात्परं सुखम्।
न तृष्णायाः परो व्याधिर्न च धर्मो दयापरः ।।
 

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  • इसका अर्थ है कि जीवन में खुश और शांत रहने के लिए व्यक्ति को हमेशा अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए
  • जो इंसान हर समय कामना करता है उसे कभी सुख प्राप्त नहीं हो सकता है

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  • चाणक्य नीति के मुताबिक मनुष्य की तृष्णा उस रोग की तरह होती है, जिसमें भूख कभी शांत नहीं होती
  • इसलिए मन को शांत रखना चाहिए, इससे जीवन में शांति और खुशहाली बनी रहती है

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शत्रु पर विजय पाने के लिए आचार्य चाणक्य की इस बात का रखें ध्यान

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