अमर उजाला
Thu, 20 March 2025
आइए इसके बारे में जानते हैं
परस्परस्य मर्माणि ये भाषन्ते नराधमाः ।
त एवं विलयं यान्ति वल्मीकोदरसर्पवत् ।।
इसलिए जीवन में ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए
विपरीत परिस्थितियों में आचार्य चाणक्य की इस बात का रखें ध्यान