अमर उजाला
Thu, 23 October 2025
फ्लाइट में सफर करते वक्त सिक्योरिटी चेक पर यात्रियों से हमेशा लैपटॉप को बैग से निकालकर ट्रे में रखने को कहा जाता है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? क्या ये सिर्फ एक नियम है या इसके पीछे कोई बड़ी वजह?
एयरपोर्ट पर बैग्स को जांचने के लिए X-Ray मशीनें होती हैं जो अंदर रखी वस्तुओं की तस्वीर दिखाती हैं। इससे सुरक्षा कर्मियों को पता चलता है कि बैग में कोई खतरनाक या प्रतिबंधित वस्तु तो नहीं है।
लैपटॉप के अंदर मौजूद बैटरी, सर्किट और धातु के पार्ट्स X-Ray इमेज में बहुत घने दिखते हैं। इससे मशीन बैग के अंदर की बाकी चीजें साफ नहीं दिखा पातीं।
जब लैपटॉप अलग रखा जाता है, तो X-Ray मशीन हर वस्तु को स्पष्ट रूप से स्कैन कर पाती है। इससे अधिकारी देख सकते हैं कि लैपटॉप में कोई छिपा हुआ डिवाइस या बम जैसा पार्ट तो नहीं है।
लैपटॉप में मौजूद लिथियम-आयन बैटरी गर्मी या दबाव में फट सकती है। इसलिए सुरक्षा जांच के दौरान इन्हें बैग से निकालकर अलग रखना जरूरी होता है ताकि कोई शॉर्ट सर्किट न हो।
अब कुछ देशों में CT स्कैन X-Ray मशीनें लगाई जा रही हैं जो 3D व्यू दिखाती हैं। इनसे लैपटॉप निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि भारत के ज्यादातर एयरपोर्ट्स पर अभी यह सुविधा लागू नहीं हुई है।
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