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China: अमेरिका, ब्रिटेन समेत 15 देशों का चीन पर मानवाधिकार हनन का आरोप, रिपोर्ट पर जताई गहरी चिंता
एजेंसी
Published by: लव गौर
Updated Tue, 02 Dec 2025 05:20 AM IST
सार
फयूल की एक रिपोर्ट के अनुसार इन्होंने अपने बयान में चीन सरकार पर मनमानी हिरासत, जबरन श्रम, अवैध सामूहिक निगरानी, और धार्मिक/ सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर महत्वपूर्ण अंकुश लगाने की निंदा की। उइगरों, तिब्बतियों, ईसाइयों और फालुन गोंग अभ्यासी समेत अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार दुर्व्यवहार की विश्वसनीय रिपोर्टों पर जोर दिया गया।
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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर गहरी चिंता जताई
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
15 देशों के गठबंधन ने 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति के दौरान चीन पर गंभीर और व्यवस्थित मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया है। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे राष्ट्रों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर गहरी चिंता जताई।
फयूल की एक रिपोर्ट के अनुसार इन्होंने अपने बयान में चीन सरकार पर मनमानी हिरासत, जबरन श्रम, अवैध सामूहिक निगरानी, और धार्मिक/ सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर महत्वपूर्ण अंकुश लगाने की निंदा की। उइगरों, तिब्बतियों, ईसाइयों और फालुन गोंग अभ्यासी समेत अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार दुर्व्यवहार की विश्वसनीय रिपोर्टों पर जोर दिया गया। बच्चों को उनके परिवारों से अलग करने और राज्य-संचालित आवासीय स्कूलों में भेजने और सांस्कृतिक/ धार्मिक स्थलों को नष्ट करने जैसी प्रथाओं का भी उल्लेख किया गया।
हॉन्गकॉन्ग में नागरिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के क्षरण पर भी चिंता
गठबंधन ने हॉन्गकॉन्ग में नागरिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के गंभीर रूप से क्षरण पर भी चिंता जताई। 15 देशों ने बीजिंग से तत्काल और बिना शर्त उन सभी व्यक्तियों को रिहा करने की मांग की, जिन्हें केवल उनके मानवाधिकारों का प्रयोग करने के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने चीन से अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों का पूरी तरह से पालन करने का आग्रह भी किया। पहले भी चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं।
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फयूल की एक रिपोर्ट के अनुसार इन्होंने अपने बयान में चीन सरकार पर मनमानी हिरासत, जबरन श्रम, अवैध सामूहिक निगरानी, और धार्मिक/ सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर महत्वपूर्ण अंकुश लगाने की निंदा की। उइगरों, तिब्बतियों, ईसाइयों और फालुन गोंग अभ्यासी समेत अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार दुर्व्यवहार की विश्वसनीय रिपोर्टों पर जोर दिया गया। बच्चों को उनके परिवारों से अलग करने और राज्य-संचालित आवासीय स्कूलों में भेजने और सांस्कृतिक/ धार्मिक स्थलों को नष्ट करने जैसी प्रथाओं का भी उल्लेख किया गया।
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हॉन्गकॉन्ग में नागरिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के क्षरण पर भी चिंता
गठबंधन ने हॉन्गकॉन्ग में नागरिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के गंभीर रूप से क्षरण पर भी चिंता जताई। 15 देशों ने बीजिंग से तत्काल और बिना शर्त उन सभी व्यक्तियों को रिहा करने की मांग की, जिन्हें केवल उनके मानवाधिकारों का प्रयोग करने के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने चीन से अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों का पूरी तरह से पालन करने का आग्रह भी किया। पहले भी चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं।