मैनचेस्टर आतंकी हमले में पीड़ितों का 48 घंटे तक इलाज करने वाले पाकिस्तानी मूल के डॉक्टर को नस्लभेद का शिकार होना पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर को आतंकवादी कहा गया और अपने देश लौट जाने की धमकी दी गई। 37 वर्षीय नावीद यासीन ट्रॉमा और ऑर्थोपेडिक सर्जन जब सलफोर्ड हॉस्पिटल से घर की ओर लौट रहे थे तो एक शख्स उनके पास आकर नस्लीय टिप्पणी की।
उस शख्स ने कहा कि 'तुम आतंकी हो, अपने देश वापस लौट जाओ, हम तुम जैसे लोगों को अपने देश में नहीं देखना चाहते।'
वहीं इस घटना के बाद यासीन ने कहा कि 'मेरे रंग की वजह से वह मुझसे जितनी घृणा कर रहा था उस नफरत को मैं दूर नहीं कर सकता।' वेस्ट योर्कशायर में जन्मे यासीन अपनी पत्नी ओर दो बेटियों के साथ ट्रैफोर्ड में रहते हैं। उनके पिता 1960 में पाकिस्तान से योर्कशायर में आ बसे थे।
उन्होंने कहा कि अगर मेरी पत्नी मेरी बेटी को अरियाना ग्रैंड के कान्सर्ट में जाने के लिए मना नहीं करती तो वह भी इस आतंकी हमले का शिकार हो सकती थी।
मैनचेस्टर आतंकी हमले में पीड़ितों का 48 घंटे तक इलाज करने वाले पाकिस्तानी मूल के डॉक्टर को नस्लभेद का शिकार होना पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर को आतंकवादी कहा गया और अपने देश लौट जाने की धमकी दी गई। 37 वर्षीय नावीद यासीन ट्रॉमा और ऑर्थोपेडिक सर्जन जब सलफोर्ड हॉस्पिटल से घर की ओर लौट रहे थे तो एक शख्स उनके पास आकर नस्लीय टिप्पणी की।
उस शख्स ने कहा कि 'तुम आतंकी हो, अपने देश वापस लौट जाओ, हम तुम जैसे लोगों को अपने देश में नहीं देखना चाहते।'
वहीं इस घटना के बाद यासीन ने कहा कि 'मेरे रंग की वजह से वह मुझसे जितनी घृणा कर रहा था उस नफरत को मैं दूर नहीं कर सकता।' वेस्ट योर्कशायर में जन्मे यासीन अपनी पत्नी ओर दो बेटियों के साथ ट्रैफोर्ड में रहते हैं। उनके पिता 1960 में पाकिस्तान से योर्कशायर में आ बसे थे।
उन्होंने कहा कि अगर मेरी पत्नी मेरी बेटी को अरियाना ग्रैंड के कान्सर्ट में जाने के लिए मना नहीं करती तो वह भी इस आतंकी हमले का शिकार हो सकती थी।