राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली सालगिरह के मौके पर जो बाइडन का प्रेस कांफ्रेंस करने का फैसला गलत दांव साबित हुआ है। कई विश्लेषकों ने ऐसी राय जताई है। बाइडन ने बुधवार को लगभग दो घंटों तक प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने ये दावा किया कि उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा है। लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी समर्थक मीडिया की टिप्पणियों में भी यह स्वीकार किया गया है कि प्रेस कांफ्रेंस में जो बाइडन एक लाचार राष्ट्रपति नजर आए।
कई मुद्दों पर गलती मानी
बाइडन ने यह स्वीकार किया कि रिपब्लिकन पार्टी ने उसके लगभग पूरे एजेंडे को रोक रखा है। उन्होंने यह भी माना कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो अमेरिका के पास उसका कोई प्रभावी जवाब नहीं है। बाइडन ने ये बात भी कही कि कोरोना वायरस जिस तेजी से फैला है, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था उसके मुताबिक लोगों तक नहीं पहुंच सकी है।
प्रेस कांफ्रेंस के बाद विश्लेषक हैंस निकोल्स ने एक टिप्पणी में लिखा- ‘राष्ट्रपति के रुतबे और उनकी छवि को लेकर एक तरह की रहस्यमय धारणा उनके पास मौजूद शक्ति की वजह से बनी रहती है। बाइडन ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लगभग हर मुद्दे पर खुद को ऊंचे अंक दिए। लेकिन साथ ही उन्होंने अपने सहयोगियों और विरोधियों के साथ-साथ अपने मातहत कर्मचारियों को भी उनके बारे में अपनी अलग धारणा बनाने के लिए काफी संकेत दे दिए।’
बाइडन ने कहा कि अब वे व्हाइट हाउस से बाहर निकलेंगे और लोगों के पास जाकर उनके सामने अपना पक्ष रखेंगे। वे बाहरी लोगों से अधिक सलाह लेंगे। साथ ही इस साल होने वाले संसदीय चुनाव के प्रचार अभियान में अपनी भूमिका बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा- ‘मैं अपने रिपब्लिकन दोस्तों को बताना चाहता हूं कि अब मैं सामने आ गया हूं।’
इसके साथ ही बाइडन ने अपने कार्यकाल के पहले साल की अपनी ‘उपलब्धियों’ का जिक्र किया। कहा कि 1.9 ट्रिलियन डॉलर का कोरोना राहत पैकेज देना और 1.2 ट्रिलियन डॉलर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को कांग्रेस (संसद) से मंजूरी दिलवाना उनकी बड़ी सफलता रही है। उन्होंने कहा- ‘मैंने (राष्ट्रपति चुनाव के दौरान) बढ़-चढ़ कर कोई वादा नहीं किया था। बल्कि लोगों ने जितना सोचा था, मेरा प्रदर्शन उससे बेहतर रहा है।’
यूक्रेन के राष्ट्रपति बयान से दुखी
वेबसाइट एक्सियोस.कॉम ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसी बातें कहते हुए कई बार बाइडन बड़बोलेपन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला करते नजर आए। जबकि यूक्रेन के मामले में उनकी टिप्पणी से अमेरिका की लाचारी का संकेत मिला। उन्होंने कहा- मेरा अनुमान है कि (रूसी राष्ट्रपति) पुतिन यूक्रेन पर हमला करेंगे। उस पर पश्चिम की प्रतिक्रिया यह देख कर तय होगी यह एक छोटा हमला रहता है या नहीं।
वेबसाइट एक्सियोस ने एक सूत्र के हवाले से कहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोमीर जेलेन्स्की बाइडन की टिप्पणी से अचंभित रह गए। सूत्र ने कहा- पहले तो हमें यकीन ही नहीं हुआ कि बाइडन ने ऐसा कहा है। इसलिए हमने ऑडियो को रिप्ले करके सुना। राष्ट्रपति जेलेन्स्की इस बात से बहुत दुखी हुए हैं कि अमेरिका और छोटे और बड़े हमले में फर्क कर रहा है।
बाइडन की लोकप्रियता अभी काफी गिरी हुई है। उनकी एप्रूवल रेटिंग (उनके काम से संतुष्ट लोगों की संख्या) 30 से 40 फीसदी के बीच है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर राष्ट्रपति ने कहा- ‘मैं ओपनियन पोल्स में यकीन नहीं करता।’
विस्तार
राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली सालगिरह के मौके पर जो बाइडन का प्रेस कांफ्रेंस करने का फैसला गलत दांव साबित हुआ है। कई विश्लेषकों ने ऐसी राय जताई है। बाइडन ने बुधवार को लगभग दो घंटों तक प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें उन्होंने ये दावा किया कि उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा है। लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी समर्थक मीडिया की टिप्पणियों में भी यह स्वीकार किया गया है कि प्रेस कांफ्रेंस में जो बाइडन एक लाचार राष्ट्रपति नजर आए।
कई मुद्दों पर गलती मानी
बाइडन ने यह स्वीकार किया कि रिपब्लिकन पार्टी ने उसके लगभग पूरे एजेंडे को रोक रखा है। उन्होंने यह भी माना कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो अमेरिका के पास उसका कोई प्रभावी जवाब नहीं है। बाइडन ने ये बात भी कही कि कोरोना वायरस जिस तेजी से फैला है, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था उसके मुताबिक लोगों तक नहीं पहुंच सकी है।
प्रेस कांफ्रेंस के बाद विश्लेषक हैंस निकोल्स ने एक टिप्पणी में लिखा- ‘राष्ट्रपति के रुतबे और उनकी छवि को लेकर एक तरह की रहस्यमय धारणा उनके पास मौजूद शक्ति की वजह से बनी रहती है। बाइडन ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लगभग हर मुद्दे पर खुद को ऊंचे अंक दिए। लेकिन साथ ही उन्होंने अपने सहयोगियों और विरोधियों के साथ-साथ अपने मातहत कर्मचारियों को भी उनके बारे में अपनी अलग धारणा बनाने के लिए काफी संकेत दे दिए।’
बाइडन ने कहा कि अब वे व्हाइट हाउस से बाहर निकलेंगे और लोगों के पास जाकर उनके सामने अपना पक्ष रखेंगे। वे बाहरी लोगों से अधिक सलाह लेंगे। साथ ही इस साल होने वाले संसदीय चुनाव के प्रचार अभियान में अपनी भूमिका बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा- ‘मैं अपने रिपब्लिकन दोस्तों को बताना चाहता हूं कि अब मैं सामने आ गया हूं।’
इसके साथ ही बाइडन ने अपने कार्यकाल के पहले साल की अपनी ‘उपलब्धियों’ का जिक्र किया। कहा कि 1.9 ट्रिलियन डॉलर का कोरोना राहत पैकेज देना और 1.2 ट्रिलियन डॉलर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को कांग्रेस (संसद) से मंजूरी दिलवाना उनकी बड़ी सफलता रही है। उन्होंने कहा- ‘मैंने (राष्ट्रपति चुनाव के दौरान) बढ़-चढ़ कर कोई वादा नहीं किया था। बल्कि लोगों ने जितना सोचा था, मेरा प्रदर्शन उससे बेहतर रहा है।’
यूक्रेन के राष्ट्रपति बयान से दुखी
वेबसाइट एक्सियोस.कॉम ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसी बातें कहते हुए कई बार बाइडन बड़बोलेपन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला करते नजर आए। जबकि यूक्रेन के मामले में उनकी टिप्पणी से अमेरिका की लाचारी का संकेत मिला। उन्होंने कहा- मेरा अनुमान है कि (रूसी राष्ट्रपति) पुतिन यूक्रेन पर हमला करेंगे। उस पर पश्चिम की प्रतिक्रिया यह देख कर तय होगी यह एक छोटा हमला रहता है या नहीं।
वेबसाइट एक्सियोस ने एक सूत्र के हवाले से कहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोमीर जेलेन्स्की बाइडन की टिप्पणी से अचंभित रह गए। सूत्र ने कहा- पहले तो हमें यकीन ही नहीं हुआ कि बाइडन ने ऐसा कहा है। इसलिए हमने ऑडियो को रिप्ले करके सुना। राष्ट्रपति जेलेन्स्की इस बात से बहुत दुखी हुए हैं कि अमेरिका और छोटे और बड़े हमले में फर्क कर रहा है।
बाइडन की लोकप्रियता अभी काफी गिरी हुई है। उनकी एप्रूवल रेटिंग (उनके काम से संतुष्ट लोगों की संख्या) 30 से 40 फीसदी के बीच है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर राष्ट्रपति ने कहा- ‘मैं ओपनियन पोल्स में यकीन नहीं करता।’