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Malabar Exercise: मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल हुआ ऑस्ट्रेलिया, चीन की चुनौती से निपटने में जुटे क्वाड देश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कैनबरा
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 12 Nov 2025 10:32 AM IST
सार
ऑस्ट्रेलिया के चीफ ऑफ जॉइंट ऑपरेशन वाइस एडमिरल जस्टिन जोंस ने बताया कि मालाबार युद्धाभ्यास बढ़ती क्षेत्रीय साझेदारी और लगातार बदलती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की अहमियत बताता है।
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मालाबार युद्धाभ्यास
- फोटो : पीआईबी
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विस्तार
हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में भारत, जापान और अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास मालाबार में शिरकत कर रहे हैं। बुधवार को ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गया। मालाबार युद्धाभ्यास 10 नवंबर को शुरू हुआ था और 18 नवंबर तक चलेगा। ऑस्ट्रेलिया के युद्धाभ्यास में शामिल होने के बाद अब क्वाड के चारों सदस्य देश मालाबार युद्धाभ्यास का हिस्सा हैं।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि 'रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का ANZAC श्रेणी की फ्रिगेट एचएमएएस बालाराट और रॉयल ऑस्ट्रेलियन एअर फोर्स के पी-8ए पोसायडन मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे। पोसायडन गुआम के एंडरसन एअर फोर्स बेस से संचालित होगा।' ऑस्ट्रेलिया के चीफ ऑफ जॉइंट ऑपरेशन वाइस एडमिरल जस्टिन जोंस ने बताया कि मालाबार युद्धाभ्यास बढ़ती क्षेत्रीय साझेदारी और लगातार बदलती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की अहमियत बताता है।
चीन की चुनौती से निपटने में अहम मालाबार युद्धाभ्यास
मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत साल 1992 में हुई थी। पहली बार अमेरिका और भारत ने इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गए। ये चारों देश ही क्वाड संगठन का हिस्सा है। ऐसे में मालाबार युद्धाभ्यास क्वाड देशों का युद्धाभ्यास बन गया है। हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की चुनौती लगातार बढ़ रही है। ऐसे में चीन की चुनौती से निपटने, हिंद प्रशांत क्षेत्र में नौवहन के मुक्त संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मालाबार युद्धाभ्यास अहम है।
ये भी पढ़ें- Botswana: बोत्सवाना पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू, 21 तोपों की सलामी के साथ हुआ भव्य स्वागत; क्यों खास है ये दौरा?
युद्धाभ्यास में भाग ले रहे ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाज के कमांडर डीन यूरेन ने कहा कि यह हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच अंतरसंचालन को बेहतर करने का यह बेहतरीन अवसर है। क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ युद्धाभ्यास से हम हिंद प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगे। भारत की तरफ से आईएनएस शयाद्री मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहा है।
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ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि 'रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का ANZAC श्रेणी की फ्रिगेट एचएमएएस बालाराट और रॉयल ऑस्ट्रेलियन एअर फोर्स के पी-8ए पोसायडन मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे। पोसायडन गुआम के एंडरसन एअर फोर्स बेस से संचालित होगा।' ऑस्ट्रेलिया के चीफ ऑफ जॉइंट ऑपरेशन वाइस एडमिरल जस्टिन जोंस ने बताया कि मालाबार युद्धाभ्यास बढ़ती क्षेत्रीय साझेदारी और लगातार बदलती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने की अहमियत बताता है।
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चीन की चुनौती से निपटने में अहम मालाबार युद्धाभ्यास
मालाबार युद्धाभ्यास की शुरुआत साल 1992 में हुई थी। पहली बार अमेरिका और भारत ने इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गए। ये चारों देश ही क्वाड संगठन का हिस्सा है। ऐसे में मालाबार युद्धाभ्यास क्वाड देशों का युद्धाभ्यास बन गया है। हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की चुनौती लगातार बढ़ रही है। ऐसे में चीन की चुनौती से निपटने, हिंद प्रशांत क्षेत्र में नौवहन के मुक्त संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मालाबार युद्धाभ्यास अहम है।
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युद्धाभ्यास में भाग ले रहे ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाज के कमांडर डीन यूरेन ने कहा कि यह हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच अंतरसंचालन को बेहतर करने का यह बेहतरीन अवसर है। क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ युद्धाभ्यास से हम हिंद प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगे। भारत की तरफ से आईएनएस शयाद्री मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहा है।