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Australia: सर्वोच्च अदालत ने दूतावास की जमीन के लिए रूस का दावा किया खारिज, अल्बनीज सरकार को देना होगा मुआवजा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मेलबर्न
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 12 Nov 2025 02:48 PM IST
सार
Australia-Russia Dispute: साल 2023 में ऑस्ट्रलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने बताया था कि उन्हें खुफिया एजेंसी से स्पष्ट चेतावनी मिली थी कि संसद के पास रूस की नई मौजूदगी से सुरक्षा खतरा हो सकता है। इसके बाद सरकार ने आपात कानून पास कर रूस की लीज रद्द कर दी थी। पढ़ें क्या है पूरा विवाद...
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ऑस्ट्रेलियाई हाईकोर्ट
- फोटो : hcourt.gov.au
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विस्तार
ऑस्ट्रेलिया की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को रूस की उस कानूनी चुनौती को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने नए दूतावास के लिए लीज रद्द किए जाने का विरोध किया था। अदालत ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लीज रद्द करने का अधिकार रखती है, लेकिन उसे रूस को मुआवजा देना होगा। सातों न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि सरकार का कदम कानूनी था, मगर रूस को आंशिक क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि ऑस्ट्रेलिया रूस के मुकदमे के आधे कानूनी खर्चों का भुगतान करे।
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ऑस्ट्रेलियाई सरकार का बयान
ऑस्ट्रेलिया की अटॉर्नी जनरल मिशेल रोलैंड ने कहा, 'सरकार अदालत के इस फैसले का स्वागत करती है कि हमने राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सही कदम उठाया। ऑस्ट्रेलिया हमेशा अपने मूल्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा के पक्ष में खड़ा रहेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अब अदालत के आदेश के अनुसार मुआवजे के भुगतान पर विचार करेगी।
क्या है पूरा मामला?
2008 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कैनबरा में संसद भवन से करीब 300 मीटर दूर रूस को नई दूतावास इमारत बनाने के लिए जमीन दी थी। हालांकि, रूस पहले से ही कैनबरा के एक अन्य इलाके ग्रिफिथ में अपने पुराने (सोवियत कालीन) दूतावास से काम कर रहा है। 2023 में प्रधानमंत्री अल्बनीज ने खुफिया एजेंसी का हवाला देते हुए आपात कानून पास कर रूस की लीज रद्द कर दी थी।
ऑस्ट्रलियाई सरकार के फैसले पर रूस की आपत्ति
रूस ने इस कदम को 'रूस-विरोधी उन्माद' बताया और अदालत में चुनौती दी। रूसी वकीलों का कहना था कि यह कानून असंवैधानिक है क्योंकि सरकार कोई ठोस सबूत नहीं दे पाई कि राष्ट्रीय सुरक्षा को असल खतरा था। उन्होंने कहा कि अगर लीज बहाल नहीं होती, तो रूस को मुआवजा मिलना चाहिए।
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रूस के खिलाफ सरकार की दलील
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के वकील स्टीफन डोनाह्यू ने अदालत में तर्क दिया कि सरकार को ऐसे मामलों में कानून बनाने और लीज खत्म करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि 'किसी देश को उसकी अपनी समस्याओं के लिए मुआवजा नहीं मिलना चाहिए।' अब जबकि ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने सरकार के फैसले को सही ठहराया है, रूस को अपनी नई दूतावास परियोजना छोड़नी होगी, लेकिन उसे कुछ मुआवजा और कानूनी खर्च का हिस्सा मिलेगा। फिलहाल रूस की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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ऑस्ट्रेलियाई सरकार का बयान
ऑस्ट्रेलिया की अटॉर्नी जनरल मिशेल रोलैंड ने कहा, 'सरकार अदालत के इस फैसले का स्वागत करती है कि हमने राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सही कदम उठाया। ऑस्ट्रेलिया हमेशा अपने मूल्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा के पक्ष में खड़ा रहेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अब अदालत के आदेश के अनुसार मुआवजे के भुगतान पर विचार करेगी।
क्या है पूरा मामला?
2008 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कैनबरा में संसद भवन से करीब 300 मीटर दूर रूस को नई दूतावास इमारत बनाने के लिए जमीन दी थी। हालांकि, रूस पहले से ही कैनबरा के एक अन्य इलाके ग्रिफिथ में अपने पुराने (सोवियत कालीन) दूतावास से काम कर रहा है। 2023 में प्रधानमंत्री अल्बनीज ने खुफिया एजेंसी का हवाला देते हुए आपात कानून पास कर रूस की लीज रद्द कर दी थी।
ऑस्ट्रलियाई सरकार के फैसले पर रूस की आपत्ति
रूस ने इस कदम को 'रूस-विरोधी उन्माद' बताया और अदालत में चुनौती दी। रूसी वकीलों का कहना था कि यह कानून असंवैधानिक है क्योंकि सरकार कोई ठोस सबूत नहीं दे पाई कि राष्ट्रीय सुरक्षा को असल खतरा था। उन्होंने कहा कि अगर लीज बहाल नहीं होती, तो रूस को मुआवजा मिलना चाहिए।
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रूस के खिलाफ सरकार की दलील
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के वकील स्टीफन डोनाह्यू ने अदालत में तर्क दिया कि सरकार को ऐसे मामलों में कानून बनाने और लीज खत्म करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि 'किसी देश को उसकी अपनी समस्याओं के लिए मुआवजा नहीं मिलना चाहिए।' अब जबकि ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने सरकार के फैसले को सही ठहराया है, रूस को अपनी नई दूतावास परियोजना छोड़नी होगी, लेकिन उसे कुछ मुआवजा और कानूनी खर्च का हिस्सा मिलेगा। फिलहाल रूस की ओर से इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।