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COP30: ब्राजील में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान प्रदर्शन-झड़प, जानें क्यों नाराज हैं आदिवासी समुदाय

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बेलेम Published by: पवन पांडेय Updated Wed, 12 Nov 2025 09:42 AM IST
सार

ब्राजील में कॉप30 सम्मेलन स्थल पर प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ दिया, वहीं उन्हें रोकने के प्रयास में दो सुरक्षाकर्मियों को हल्की चोटें आई है। जानकारी के मुताबिक, आदिवासी समुदायों की भागीदारी और विकास के मुद्दों पर असंतोष के चलते ये प्रदर्शन किया गया। फिलहाल संयुक्त राष्ट्र और ब्राजील सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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Brazil: Protesters confront security at main venue of UN climate talks, News in Hindi
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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ब्राजील के अमेजन शहर बेलेम में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन (कॉप30) के मुख्य स्थल पर मंगलवार को कुछ प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिए सुरक्षा घेरा तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें पीछे धकेल दिया। इस दौरान दो सुरक्षाकर्मियों को मामूली चोटें आईं।
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ब्राजील और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा टीम ने की कार्रवाई
मामले में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संगठन ने एक बयान में कहा, 'आज शाम, कुछ प्रदर्शनकारियों ने मुख्य प्रवेश द्वार पर सुरक्षा बैरियर तोड़ दिए, जिससे दो सुरक्षा कर्मियों को हल्की चोटें आईं और स्थल को मामूली नुकसान हुआ। ब्राजील और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा टीम ने तय प्रोटोकॉल के अनुसार तुरंत कार्रवाई की। फिलहाल स्थल पूरी तरह सुरक्षित है और सम्मेलन की बातचीत सामान्य रूप से जारी है।'

झड़प से पहले क्या हुआ था?
घटना उस समय हुई जब दिन का सत्र समाप्त हो रहा था और लोग सम्मेलन स्थल से बाहर निकल रहे थे। प्रदर्शनकारियों में कुछ लोग पीली टी-शर्ट में थे, जबकि कुछ आदिवासी समुदाय के पारंपरिक वस्त्र पहने हुए थे।

ग्लोबल यूथ गठबंधन के युवा समन्वयक अगस्टिन ओकान्या, जो मौके पर मौजूद थे, ने बताया कि प्रदर्शनकारी शुरू में नाच-गाकर नारे लगा रहे थे। वह भी उनके साथ चलने लगे क्योंकि उनके कुछ दोस्त आदिवासी समूह में थे। ओकान्या के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं था कि पहले किसने सुरक्षा घेरा तोड़ा, लेकिन जैसे ही गार्डों ने दरवाजे बंद करने की कोशिश की और अतिरिक्त सुरक्षा बुला ली, स्थिति बिगड़ गई। उन्होंने कहा कि कुछ लोग 'वे हमारे बिना हमारे लिए फैसले नहीं कर सकते' के नारे लगा रहे थे। यह नारा इस बात का प्रतीक था कि आदिवासी समुदाय महसूस करते हैं कि जलवायु वार्ताओं में उनकी भागीदारी को नजरअंदाज किया जा रहा है।

मौके पर मची अफरातफरी
जब टकराव बढ़ा, तो दोनों पक्षों के कुछ लोगों ने पास रखे छोटे प्लास्टिक के बक्सों से एक-दूसरे को मारना शुरू कर दिया। ओकान्या ने बताया कि एक सुरक्षा कर्मी के सिर में चोट लगी और दो-तीन लोगों के शरीर पर चोट के निशान थे।

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आदिवासी समुदायों की नाराजगी क्यों?
ओकान्या ने कहा कि कई आदिवासी समुदाय नाराज हैं क्योंकि सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां जलवायु सम्मेलन के लिए 'एक नया शहर खड़ा करने' में भारी धन लगा रही हैं, जबकि उनके क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और जंगलों की सुरक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें अब भी अधूरी हैं। उन्होंने कहा, 'ये लोग बुरे नहीं हैं। वे हताश हैं, अपनी जमीन और नदी की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।' ओकान्या ने चेतावनी दी कि अगर दुनिया जलवायु संरक्षण पर सिर्फ बातें करती रही और ठोस कदम नहीं उठाए, तो इस तरह की घटनाएं आगे भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा, 'यह घटना बस एक छोटी झलक है, अगर हमने धरती को बचाने की बातों को यूं ही टालते रहे, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं।'
 
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