चीन के विदेश नीति के सलाहकार ने अपनी ही सरकार को निरंकुश राष्ट्र सुरक्षा के पीछे भागने को लेकर चेतावनी दी है। चीन की प्रमुख राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य जिया किनगुओ ने कहा है कि पूर्ण राष्ट्र सुरक्षा और इसके लिए जबरदस्त रक्षा खर्च चीन के सोवियत संघ की तरह पतन का कारण बन सकता है।
किनगुओ की इस चेतावनी को चीन में शासन कर रही कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, बीते सालों में चीन ने अमेरिका से मुकाबला करने के लिए अपने रक्षा खर्चों को बेतहाशा बढ़ाया है। उधर कोरोनावायरस, भ्रष्टाचार और लोगों के लिए सख्त कानून जैसे मुद्दों को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का भी हवाला दिया है। ऐसे में चीन के विदेश नीति के सलाहकार की चेतावनी काफी गंभीर मानी जा रही है।
चीन की पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) के सदस्य जिया किनगुओ ने कहा, "पूर्ण राष्ट्र सुरक्षा के पीछे भागने के लिए हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।" उन्होंने सोवियत संघ का उदाहरण देते हुए कहा कि तब वहां भी सैन्य विस्तार को लंबी अवधि की सुरक्षा के ऊपर तरजीह दी गई थी।
शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति बनने के बाद की थी सोवियत पतन पर बात
गौरतलब है कि चीन लंबे समय से अपने स्कूलों में सोवियत यूनियन के विघटन के बारे में पढ़ा रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेता भी यूएसएसआर का उदाहरण देते हुए शीर्ष नेतृत्व को ऐतिहासिक अनुभवों से सीख लेने की चेतावनी दे चुके हैं। 2012 में सत्ता संभालने के महीनों बाद, राष्ट्रपति शी ने खुद कहा था कि पार्टी का अनुशासन टूटने से तत्कालीन यूएसएसआर की दो करोड़ सदस्यों वाली मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी का पतन हुआ। तब शी ने कहा था, “अगर पार्टी के सदस्य जो चाहते हैं वही कहेंगे और करेंगे तो पार्टी एक भीड़ में तब्दील हो जाएगी।”
चीन के आक्रामक रवैये की आलोचना से भरा है लेख
‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने रविवार को एक खबर में बताया कि पेकिंग विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंध स्कूल के पूर्व डीन भी रह चुके जिया ने कहा कि सुरक्षा की निरंकुश खोज से लागत में भारी बढ़ोतरी होगी और फायदे काफी हद तक कम हो जाएंगे।" सीपीपीसीसी की स्थायी समिति के सदस्य जिया ने ‘जर्नल ऑफ इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज’ के नए संस्करण में कहा, “सुरक्षा की तुलनात्मक प्रकृति की उपेक्षा करना, और आंख बंद करके (इसे) पूरी तरह से आगे बढ़ाना देश को कम सुरक्षित बनाने के समान होगा, क्योंकि इसमें असीम लागत आती है और यह पूर्ण सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहता है।”
खबर के मुताबिक, उनका 22 पन्नों का लेख आक्रामक रवैये के खिलाफ बारीक आलोचनाओं से भरा है। अमेरिकी मामलों के विशेषज्ञ जिया ने लिखा है कि रक्षा खर्च पर बहुत अधिक जोर देने से हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है, जिससे सभी देश कम सुरक्षित हो जाएंगे।
विस्तार
चीन के विदेश नीति के सलाहकार ने अपनी ही सरकार को निरंकुश राष्ट्र सुरक्षा के पीछे भागने को लेकर चेतावनी दी है। चीन की प्रमुख राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य जिया किनगुओ ने कहा है कि पूर्ण राष्ट्र सुरक्षा और इसके लिए जबरदस्त रक्षा खर्च चीन के सोवियत संघ की तरह पतन का कारण बन सकता है।
किनगुओ की इस चेतावनी को चीन में शासन कर रही कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, बीते सालों में चीन ने अमेरिका से मुकाबला करने के लिए अपने रक्षा खर्चों को बेतहाशा बढ़ाया है। उधर कोरोनावायरस, भ्रष्टाचार और लोगों के लिए सख्त कानून जैसे मुद्दों को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का भी हवाला दिया है। ऐसे में चीन के विदेश नीति के सलाहकार की चेतावनी काफी गंभीर मानी जा रही है।
चीन की पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) के सदस्य जिया किनगुओ ने कहा, "पूर्ण राष्ट्र सुरक्षा के पीछे भागने के लिए हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।" उन्होंने सोवियत संघ का उदाहरण देते हुए कहा कि तब वहां भी सैन्य विस्तार को लंबी अवधि की सुरक्षा के ऊपर तरजीह दी गई थी।
शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति बनने के बाद की थी सोवियत पतन पर बात
गौरतलब है कि चीन लंबे समय से अपने स्कूलों में सोवियत यूनियन के विघटन के बारे में पढ़ा रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेता भी यूएसएसआर का उदाहरण देते हुए शीर्ष नेतृत्व को ऐतिहासिक अनुभवों से सीख लेने की चेतावनी दे चुके हैं। 2012 में सत्ता संभालने के महीनों बाद, राष्ट्रपति शी ने खुद कहा था कि पार्टी का अनुशासन टूटने से तत्कालीन यूएसएसआर की दो करोड़ सदस्यों वाली मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी का पतन हुआ। तब शी ने कहा था, “अगर पार्टी के सदस्य जो चाहते हैं वही कहेंगे और करेंगे तो पार्टी एक भीड़ में तब्दील हो जाएगी।”
चीन के आक्रामक रवैये की आलोचना से भरा है लेख
‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने रविवार को एक खबर में बताया कि पेकिंग विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंध स्कूल के पूर्व डीन भी रह चुके जिया ने कहा कि सुरक्षा की निरंकुश खोज से लागत में भारी बढ़ोतरी होगी और फायदे काफी हद तक कम हो जाएंगे।" सीपीपीसीसी की स्थायी समिति के सदस्य जिया ने ‘जर्नल ऑफ इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज’ के नए संस्करण में कहा, “सुरक्षा की तुलनात्मक प्रकृति की उपेक्षा करना, और आंख बंद करके (इसे) पूरी तरह से आगे बढ़ाना देश को कम सुरक्षित बनाने के समान होगा, क्योंकि इसमें असीम लागत आती है और यह पूर्ण सुरक्षा प्राप्त करने में विफल रहता है।”
खबर के मुताबिक, उनका 22 पन्नों का लेख आक्रामक रवैये के खिलाफ बारीक आलोचनाओं से भरा है। अमेरिकी मामलों के विशेषज्ञ जिया ने लिखा है कि रक्षा खर्च पर बहुत अधिक जोर देने से हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है, जिससे सभी देश कम सुरक्षित हो जाएंगे।