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Imran Khan: पूर्व PM अमेरिकी अधिकारी के खिलाफ करेंगे कानूनी कार्रवाई; गुप्त राजनयिक केबल मामले में बहन का बयान
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Fri, 17 Nov 2023 08:16 PM IST
सार
इमरान खान अमेरिकी अधिकारी पर कार्रवाई करेंगे। गुप्त राजनयिक केबल मामले में इमरान खान की बहन अलीमा ने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान
- फोटो : Social media
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विस्तार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। यह कहना है इमरान की बहन अलीमा खान का। बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 71 वर्षीय अध्यक्ष खान वर्तमान में सिफर मामले में न्यायिक रिमांड पर रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उनकी बहन अलीमा खान ने कहा है कि अगर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री को पाकिस्तानी अदालतों से न्याय नहीं मिला तो वह विदेश विभाग के अधिकारी डोनाल्ड लू के खिलाफ अमेरिका में मामला दर्ज कराएंगे।
दरअसल, पाकिस्तान के बहुचर्चित सिफर मामले (गुप्त राजनयिक केबल) में इमरान खान पर गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने के दौरान उन्होंने सिफर की सामग्री का दुरुपयोग किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी दूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का विवरण था।
इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ साजिश रचने की कहानी गढ़ी। बता दें कि इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को अमेरिका में रची गई साजिश के कारण गिरा दिया गया। हालांकि, अमेरिका ने इस आरोप का बार-बार खंडन किया है। जियो न्यूज की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई प्रमुख इमरान की बहन ने अदियाला जेल में उनसे मुलाकात की।
भाई से मुलाकात के बाद इमरान खान की बहन ने कहा, "पीटीआई के अध्यक्ष ने कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तानी अदालतों से न्याय नहीं मिला तो वे डोनाल्ड लू के खिलाफ अमेरिकी अदालतों में मामला दायर करेंगे।" उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास इमरान खान की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल था।
मंगलवार को, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने गुप्त राजनयिक केबल मामले में इमरान खान के खिलाफ स्थगन आदेश जारी किया। अदालत ने उन "परिस्थितियों" के बारे में जानकारी मांगी, जिसके कारण मुकदमा उच्च सुरक्षा वाली रावलपिंडी जेल में चलाया गया।
अलीमा ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया। इस मामले में वे धाराएं जोड़ी गईं जिनके तहत मौत की सजा या आजीवन कारावास हो सकता है। उन्होंने कहा, "हमें बताया जाना चाहिए कि पीटीआई अध्यक्ष ने क्या अपराध किया, जिसके आधाक पर इस तरह की धाराएं जोड़ी गईं। राणा सनाउल्लाह (पाकिस्तान के पूर्व संघीय आंतरिक मंत्री) ने पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराया (हमें) पाकिस्तान में न्याय मिलना चाहिए।"
रिपोर्ट के अनुसार, अलीमा ने कहा कि भोजन के संबंध में पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने उनसे कोई शिकायत नहीं की। उन्होंने दावा किया कि इमरान की सेहत अच्छी थी। कैद के दौरान उनकी दिनचर्या काफी अच्छी थी। खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी सिफर यानी गुप्त राजनयिक मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, इमरान अदियाला जेल में कैद हैं।
इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी ने अदालत से अपील की है कि उनके खिलाफ लगाए गए तमाम आरोप बेबुनियाद हैं। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने मार्च, 2022 में वॉशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से भेजे गए गुप्त राजनयिक केबल के कथित उल्लंघन के आरोपों पर दोनों पर जेल ट्रायल को मंजूरी दी गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। बीते अगस्त में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने उन पर मामला दर्ज किया था।
इमरान खान को पाकिस्तान की संसद में अप्रैल 2022 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इमरान के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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दरअसल, पाकिस्तान के बहुचर्चित सिफर मामले (गुप्त राजनयिक केबल) में इमरान खान पर गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने के दौरान उन्होंने सिफर की सामग्री का दुरुपयोग किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी दूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का विवरण था।
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इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ साजिश रचने की कहानी गढ़ी। बता दें कि इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को अमेरिका में रची गई साजिश के कारण गिरा दिया गया। हालांकि, अमेरिका ने इस आरोप का बार-बार खंडन किया है। जियो न्यूज की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई प्रमुख इमरान की बहन ने अदियाला जेल में उनसे मुलाकात की।
भाई से मुलाकात के बाद इमरान खान की बहन ने कहा, "पीटीआई के अध्यक्ष ने कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तानी अदालतों से न्याय नहीं मिला तो वे डोनाल्ड लू के खिलाफ अमेरिकी अदालतों में मामला दायर करेंगे।" उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास इमरान खान की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल था।
मंगलवार को, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने गुप्त राजनयिक केबल मामले में इमरान खान के खिलाफ स्थगन आदेश जारी किया। अदालत ने उन "परिस्थितियों" के बारे में जानकारी मांगी, जिसके कारण मुकदमा उच्च सुरक्षा वाली रावलपिंडी जेल में चलाया गया।
अलीमा ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया। इस मामले में वे धाराएं जोड़ी गईं जिनके तहत मौत की सजा या आजीवन कारावास हो सकता है। उन्होंने कहा, "हमें बताया जाना चाहिए कि पीटीआई अध्यक्ष ने क्या अपराध किया, जिसके आधाक पर इस तरह की धाराएं जोड़ी गईं। राणा सनाउल्लाह (पाकिस्तान के पूर्व संघीय आंतरिक मंत्री) ने पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराया (हमें) पाकिस्तान में न्याय मिलना चाहिए।"
रिपोर्ट के अनुसार, अलीमा ने कहा कि भोजन के संबंध में पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने उनसे कोई शिकायत नहीं की। उन्होंने दावा किया कि इमरान की सेहत अच्छी थी। कैद के दौरान उनकी दिनचर्या काफी अच्छी थी। खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी सिफर यानी गुप्त राजनयिक मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, इमरान अदियाला जेल में कैद हैं।
इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी ने अदालत से अपील की है कि उनके खिलाफ लगाए गए तमाम आरोप बेबुनियाद हैं। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने मार्च, 2022 में वॉशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से भेजे गए गुप्त राजनयिक केबल के कथित उल्लंघन के आरोपों पर दोनों पर जेल ट्रायल को मंजूरी दी गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। बीते अगस्त में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने उन पर मामला दर्ज किया था।
इमरान खान को पाकिस्तान की संसद में अप्रैल 2022 में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इमरान के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।