पाकिस्तान में विपक्षी दल 16 अक्तूबर को इमरान सरकार के खिलाफ पहली संयुक्त रैली का आयोजन करेंगे। विपक्ष की यह रैली प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग और देश की राजनीति में सेना के हस्तक्षेप को रोकने के लिए बनाए गए गठबंधन करने के कुछ हफ्तों बाद होगी।
पाकिस्तान के 11 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने इमरान सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए 20 सितंबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का गठन किया था। यह गठबंधन एक कार्य योजना के तहत तीन चरणों में सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा। सबसे पहले देशभर में जनसभाएं होंगी, धरने-प्रदर्शन और रैलियां होंगी, फिर जनवरी 2021 में इस्लामाबाद की ओर निर्णायक लंबा मार्च होगा।
पीडीएम की संचालन समिति के संयोजक एहसान इकबाल ने बताया कि पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने पीडीएम की योजना के तहत सरकार विरोधी पहली बड़ी रैली 16 अक्तूबर को पंजाब प्रांत के गुजरांवाला शहर में आयोजित करने पर सहमति जताई है। इसमें प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग और सेना के हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गुजरांवाला की रैली के बाद, 18 अक्तूबर को कराची में, 25 अक्तूबर को क्वेटा में, 22 नवंबर को पेशावर में, 30 नवंबर को मुल्तान में और 13 दिसंबर को लाहौर में रैलियों का आयोजन होगा।
गौरतलब है कि विपक्षी नेताओं ने पहले एलान किया था कि वह चयनित प्रधानमंत्री के इस्तीफे और सियासत से फौज की भूमिका खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक और लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल करेंगे जिनमें अविश्वास प्रस्ताव लाना और संसद से एक साथ इस्तीफे देना शामिल है। पाकिस्तान के अस्तित्व के 70 साल के इतिहास में देश में आधे से ज्यादा समय सेना का शासन रहा है।
पीडीएम के नेताओं ने सरकारी संस्थाओं का अपमान करने के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा की है। सोमवार को शरीफ के खिलाफ लाहौर में मामला दर्ज किया गया था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के 70 वर्षीय प्रमुख पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज हेतु चार हफ्तों के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी।
बता दें कि शनिवार को ही पाकिस्तान के तेजतर्रार मौलवी तथा नेता मौलाना फजल-उर-रहमान को नवगठित विपक्षी गठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (पीडीएम) के पहले अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया है। यह 11 विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए बनाया गया एक सरकार विरोधी गठबंधन है।
इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
पाकिस्तान में विपक्षी दल 16 अक्तूबर को इमरान सरकार के खिलाफ पहली संयुक्त रैली का आयोजन करेंगे। विपक्ष की यह रैली प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग और देश की राजनीति में सेना के हस्तक्षेप को रोकने के लिए बनाए गए गठबंधन करने के कुछ हफ्तों बाद होगी।
पाकिस्तान के 11 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने इमरान सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए 20 सितंबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का गठन किया था। यह गठबंधन एक कार्य योजना के तहत तीन चरणों में सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा। सबसे पहले देशभर में जनसभाएं होंगी, धरने-प्रदर्शन और रैलियां होंगी, फिर जनवरी 2021 में इस्लामाबाद की ओर निर्णायक लंबा मार्च होगा।
पीडीएम की संचालन समिति के संयोजक एहसान इकबाल ने बताया कि पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने पीडीएम की योजना के तहत सरकार विरोधी पहली बड़ी रैली 16 अक्तूबर को पंजाब प्रांत के गुजरांवाला शहर में आयोजित करने पर सहमति जताई है। इसमें प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग और सेना के हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गुजरांवाला की रैली के बाद, 18 अक्तूबर को कराची में, 25 अक्तूबर को क्वेटा में, 22 नवंबर को पेशावर में, 30 नवंबर को मुल्तान में और 13 दिसंबर को लाहौर में रैलियों का आयोजन होगा।
गौरतलब है कि विपक्षी नेताओं ने पहले एलान किया था कि वह चयनित प्रधानमंत्री के इस्तीफे और सियासत से फौज की भूमिका खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक और लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल करेंगे जिनमें अविश्वास प्रस्ताव लाना और संसद से एक साथ इस्तीफे देना शामिल है। पाकिस्तान के अस्तित्व के 70 साल के इतिहास में देश में आधे से ज्यादा समय सेना का शासन रहा है।
पीडीएम के नेताओं ने सरकारी संस्थाओं का अपमान करने के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा की है। सोमवार को शरीफ के खिलाफ लाहौर में मामला दर्ज किया गया था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के 70 वर्षीय प्रमुख पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज हेतु चार हफ्तों के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी।
बता दें कि शनिवार को ही पाकिस्तान के तेजतर्रार मौलवी तथा नेता मौलाना फजल-उर-रहमान को नवगठित विपक्षी गठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (पीडीएम) के पहले अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया है। यह 11 विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए बनाया गया एक सरकार विरोधी गठबंधन है।
इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।