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Russia-Ukraine War: रूस ने दक्षिणी यूक्रेन में अग्रिम मौर्चे पर तेज किए हमले, तीन बस्तियों पर कर लिया कब्जा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 12 Nov 2025 06:15 PM IST
सार
Russia-Ukraine War: रूसी सेना ने दक्षिणी जापोरिझिया क्षेत्र में तीन बस्तियों पर कब्जा कर लिया है। रूस ने चार साल पहले यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण शुरू किया था और अब तक वह देश के लगभग एक-पांचवें हिस्से पर नियंत्रण कर चुका है। इस बीच, अमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, ताकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्धविराम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
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रूस-यूक्रेन जंग
- फोटो : पीटीआई (फाइल)
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विस्तार
यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ने बुधवार को बताया कि रूस की सेना ने दक्षिणी जापोरिझिया क्षेत्र में तीन बस्तियों पर कब्जा कर लिया है। यह कदम उस समय उठाया गया है, जब रूसी सेना यूक्रेन के और अधिक इलाकों पर कब्जा करने के प्रयासों को बढ़ा रही है।
जनरल ओलेक्जेंडर सिरस्की ने टेलीग्राम पर लिखा कि घने कोहरे की आड़ में रूसी सैनिक यूक्रेनी मोर्चों में घुसने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिक इन हमलों को रोकने के लिए 'कठिन लड़ाई' लड़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि अभी भी पूर्वी डोनेत्स्क क्षेत्र के शहर पोकरोव्स्क में सबसे भीषण संघर्ष जारी है, जहां पिछले 24 घंटों में लगभग आधे मोर्चों पर झड़पें हुईं।
ये भी पढ़ें: विदेश मंत्री जयशंकर ने नियाग्रा में जी-7 से इतर कनाडाई समकक्ष से की मुलाकात, 'नए रोडमैप' पर की चर्चा
यूक्रेन के पूर्वोत्तर खारकीव क्षेत्र के कुपियांस्क और लिमान शहरों में भी हाल के दिनों में संघर्ष तेज हुआ है। रूस ने लगभग चार साल पहले यूक्रेन पर अपना पूर्ण आक्रमण शुरू किया था और अब तक वह लगभग एक-पांचवां हिस्सा अपने कब्जे में ले चुका है। अमेरिका की ओर से रूस के तेल क्षेत्र पर नए प्रतिबंध 21 नवंबर से लागू होने वाले हैं। इन प्रतिबंधों का मकसद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्धविराम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाना है।
इस बीच, कीव सरकार अपने शीर्ष अधिकारियों से जुड़े एक भ्रष्टाचार विवाद से जूझ रही है। प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीदेंको ने बताया कि जांच के दायरे में आने के बाद न्याय मंत्री हरमन हालुशचें को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है।
तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंधों से पुतिन पर दबाव
अमेरिका ने रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे पुतिन पर दबाव और बढ़ गया है। अब तक रूसी राष्ट्रपति ने किसी गंभीर शांति वार्ता में भाग नहीं लिया है। यूक्रेन और पश्चिमी देशों का कहना है कि पुतिन समय खींच रहे हैं ताकि उनकी सेना और इलाकों पर कब्जा कर सके।
संसाधनों के दबाव में यूक्रेनी सेना
रूस की बड़ी और आधुनिक सेना ने अपने हमले तेज कर दिए हैं, जिससे यूक्रेन की सीमित संसाधनों वाली सेना पर भारी दबाव पड़ा है। यूक्रेनी अधिकारियों ने सितंबर में बताया था कि मोर्चे की लंबाई अब लगभग 1,250 किलोमीटर तक बढ़ गई है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस महीने कहा था कि डोनेत्स्क क्षेत्र में रूस ने लगभग 1.7 लाख सैनिक तैनात किए हैं।
ये भी पढ़ें: म्यांमार की वायुसेना में रूस और चीन के विमान-हेलिकॉप्टर्स हुए शामिल, अब अभियान तेज करेगी सेना?
रूसी सेना कई इलाकों पर किया कब्जा
पिछले चार हफ्तों में रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी सेना ने डोनेत्स्क में नौ, जापोरिझिया में आठ, द्निप्रोपेत्रोव्स्क में सात और खारकीव में पांच बस्तियों पर कब्जा किया है। हालांकि, यह लगातार जारी युद्ध रूस के लिए बेहद महंगा साबित हुआ है। बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की क्षति के बावजूद रूस को केवल सीमित सफलता मिली है।
लंबी दूरी के ड्रोन हमले कर रहा यूक्रेन
वॉशिंगटन के 'इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर' ने बताया कि रूस का पोकरोव्स्क पर कब्जे का अभियान धीमा है क्योंकि वह अपने सैन्य संसाधनों को कई मोर्चों पर फैला रहा है। यूक्रेन भी रूस के भीतर कई अहम सैन्य ठिकानों पर लंबी दूरी के ड्रोन हमले कर रहा है। ताजा हमले में यूक्रेन ने रूस के स्तावरोपोल क्षेत्र में स्थित स्तावरोलन रासायनिक संयंत्र को निशाना बनाया। यह संयंत्र रूसी सेना के लिए इस्तेमाल होने वाली मिश्रित सामग्री के पॉलिमर बनाता है।
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जनरल ओलेक्जेंडर सिरस्की ने टेलीग्राम पर लिखा कि घने कोहरे की आड़ में रूसी सैनिक यूक्रेनी मोर्चों में घुसने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिक इन हमलों को रोकने के लिए 'कठिन लड़ाई' लड़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि अभी भी पूर्वी डोनेत्स्क क्षेत्र के शहर पोकरोव्स्क में सबसे भीषण संघर्ष जारी है, जहां पिछले 24 घंटों में लगभग आधे मोर्चों पर झड़पें हुईं।
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यूक्रेन के पूर्वोत्तर खारकीव क्षेत्र के कुपियांस्क और लिमान शहरों में भी हाल के दिनों में संघर्ष तेज हुआ है। रूस ने लगभग चार साल पहले यूक्रेन पर अपना पूर्ण आक्रमण शुरू किया था और अब तक वह लगभग एक-पांचवां हिस्सा अपने कब्जे में ले चुका है। अमेरिका की ओर से रूस के तेल क्षेत्र पर नए प्रतिबंध 21 नवंबर से लागू होने वाले हैं। इन प्रतिबंधों का मकसद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्धविराम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाना है।
इस बीच, कीव सरकार अपने शीर्ष अधिकारियों से जुड़े एक भ्रष्टाचार विवाद से जूझ रही है। प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीदेंको ने बताया कि जांच के दायरे में आने के बाद न्याय मंत्री हरमन हालुशचें को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है।
तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंधों से पुतिन पर दबाव
अमेरिका ने रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे पुतिन पर दबाव और बढ़ गया है। अब तक रूसी राष्ट्रपति ने किसी गंभीर शांति वार्ता में भाग नहीं लिया है। यूक्रेन और पश्चिमी देशों का कहना है कि पुतिन समय खींच रहे हैं ताकि उनकी सेना और इलाकों पर कब्जा कर सके।
संसाधनों के दबाव में यूक्रेनी सेना
रूस की बड़ी और आधुनिक सेना ने अपने हमले तेज कर दिए हैं, जिससे यूक्रेन की सीमित संसाधनों वाली सेना पर भारी दबाव पड़ा है। यूक्रेनी अधिकारियों ने सितंबर में बताया था कि मोर्चे की लंबाई अब लगभग 1,250 किलोमीटर तक बढ़ गई है। राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस महीने कहा था कि डोनेत्स्क क्षेत्र में रूस ने लगभग 1.7 लाख सैनिक तैनात किए हैं।
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रूसी सेना कई इलाकों पर किया कब्जा
पिछले चार हफ्तों में रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी सेना ने डोनेत्स्क में नौ, जापोरिझिया में आठ, द्निप्रोपेत्रोव्स्क में सात और खारकीव में पांच बस्तियों पर कब्जा किया है। हालांकि, यह लगातार जारी युद्ध रूस के लिए बेहद महंगा साबित हुआ है। बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की क्षति के बावजूद रूस को केवल सीमित सफलता मिली है।
लंबी दूरी के ड्रोन हमले कर रहा यूक्रेन
वॉशिंगटन के 'इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर' ने बताया कि रूस का पोकरोव्स्क पर कब्जे का अभियान धीमा है क्योंकि वह अपने सैन्य संसाधनों को कई मोर्चों पर फैला रहा है। यूक्रेन भी रूस के भीतर कई अहम सैन्य ठिकानों पर लंबी दूरी के ड्रोन हमले कर रहा है। ताजा हमले में यूक्रेन ने रूस के स्तावरोपोल क्षेत्र में स्थित स्तावरोलन रासायनिक संयंत्र को निशाना बनाया। यह संयंत्र रूसी सेना के लिए इस्तेमाल होने वाली मिश्रित सामग्री के पॉलिमर बनाता है।