वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, अंकारा
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 21 Oct 2021 05:30 PM IST
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने अमेरिका और जर्मनी समेत 10 देशों के राजदूतों को देश से बाहर कर देने की चेतावनी दी है। तुर्की ने यह रुख सिविल सोसायटी के एक नेता और कार्यकर्ता उस्मान कवाला को जेल में रखने के फैसले पर इन देशों द्वारा की गई निंदा और रिहाई की मांग उठाए जाने के बाद अपनाया है।
ये 10 देश अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और स्वीडन हैं। इन देशों के राजदूतों ने उस्मान कवाला की रिहाई की मांग की थी। इसे लेकर बीते दिनों तुर्की सरकार ने इन सभी देशों के राजदूतों को पेश होने के लिए भी कहा था। उस्मान 2017 से बिना आरोप सिद्ध हुए जेल में हैं।
उस्मान कवाला पर साल 2013 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहने और साल 2016 में एक असफल सैन्य क्रांति मे संलिप्त रहने के आरोप हैं। हालांकि, उस्मान ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस्मान कवाला के मामले में अगली अदालती सुनवाई 26 नवंबर को होने की संभावना है।
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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने अमेरिका और जर्मनी समेत 10 देशों के राजदूतों को देश से बाहर कर देने की चेतावनी दी है। तुर्की ने यह रुख सिविल सोसायटी के एक नेता और कार्यकर्ता उस्मान कवाला को जेल में रखने के फैसले पर इन देशों द्वारा की गई निंदा और रिहाई की मांग उठाए जाने के बाद अपनाया है।
ये 10 देश अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और स्वीडन हैं। इन देशों के राजदूतों ने उस्मान कवाला की रिहाई की मांग की थी। इसे लेकर बीते दिनों तुर्की सरकार ने इन सभी देशों के राजदूतों को पेश होने के लिए भी कहा था। उस्मान 2017 से बिना आरोप सिद्ध हुए जेल में हैं।
उस्मान कवाला पर साल 2013 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहने और साल 2016 में एक असफल सैन्य क्रांति मे संलिप्त रहने के आरोप हैं। हालांकि, उस्मान ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस्मान कवाला के मामले में अगली अदालती सुनवाई 26 नवंबर को होने की संभावना है।